Edited By Vijay, Updated: 06 Jul, 2025 06:15 PM

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से किन्नौर जिला स्थित शिपकी-ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा प्रारंभ करने की संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया है। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है।
शिमला (राक्टा): मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से किन्नौर जिला स्थित शिपकी-ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा प्रारंभ करने की संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया है। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है। पत्र के माध्यम से कहा गया है कि शिपकी-ला क्षेत्र वर्तमान सीमाओं से पूर्व भारत-तिब्बत व्यापार का महत्वपूर्ण मार्ग रहा है। यह मार्ग तिब्बती बौद्ध धर्म और प्राचीन तीर्थयात्रा पथों के लिए एक सांस्कृतिक गलियारा भी रहा है, जो कैलाश और मानसरोवर के साथ भारत के स्थायी सभ्यतागत संबंधों को दर्शाता है।
वर्ष में अधिकांश समय सुगम रहता है मार्ग
सीएम ने पत्र में उल्लेख किया है कि हिमाचल प्रदेश का किन्नौर क्षेत्र अर्द्ध-शुष्क होने के साथ-साथ स्पीति जैसे वर्षा छाया क्षेत्र में स्थित होने के कारण मानसून की बाधाओं से कम प्रभावित होता है, जिससे वर्ष के अधिकांश समय यह मार्ग सुगम रहता है। शिपकी-ला से गरतोक होते हुए दारचेन और मानसरोवर की ओर जाने वाला मार्ग तिब्बत की ओर से नजदीक है। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि शिपकी-ला अधिक स्थिर और स्पष्ट गलियारा भी प्रदान करता है, जो इस मार्ग को दीर्घकालिक, विश्वसनीय तीर्थयात्रा और सीमा पार संपर्क के लिए उपयुक्त बनाता है।
रामपुर और पूह के माध्यम से शिपकी-ला तक पहले से ही सड़क सुविधा उपलब्ध
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में रामपुर और पूह के माध्यम से शिपकी-ला तक पहले से ही सड़क सुविधा उपलब्ध है, ऐसे में आधार शिविरों और सहायक बुनियादी ढांचे के केंद्रित विकास के साथ इस मार्ग को कैलाश मानसरोवर यात्रा ढांचे में निर्बाध रूप से एकीकृत किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि यह किन्नौर के जनजातीय लोगों के उत्थान के लिए भी दूरगामी भूमिका निभाएगा। यह वाइब्रैंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमा विकास और पर्यटन के लिए सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
राज्य सरकार करेगी पूरा सहयोग
मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से कहा है कि यदि शिपकी-ला मार्ग कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए खोला जाता है तो राज्य सरकार केंद्र सरकार को हर प्रकार का आवश्यक प्रशासनिक और लॉजिस्टिक सहयोग प्रदान करेगी। गौर हो कि बीते जून माह में मुख्यमंत्री सुक्खू ने जनजातीय जिला किन्नौर में भारत और चीन की सीमा पर स्थित 3,930 मीटर ऊंचे वाहन योग्य पर्वतीय दर्रे शिपकी-ला में सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारंभ किया था।
2020 में व्यापार के लिए बंद
गौर हो कि भारत और तिब्बत के बीच सदियों पुराना व्यापार मार्ग शिपकी-ला वर्ष 2020 में व्यापार के लिए बंद कर दिया गया था। बीते जून माह में शिपकी-ला में सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस दर्रे के माध्यम से व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की अपार संभावनाएं हैं और इसे पुन: शुरू करने का मामला भी केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।
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