Edited By Jyoti M, Updated: 15 Sep, 2024 11:36 AM
देश पर अपनी जान न्यौछावर कर देने वाले सैनिक दिन-रात भूखे-प्यासे जो सरहदों पर अपने देश की रक्षा के लिए डटे हैं उनके खुद के परिजन दर-दर की ठोकरें खाते हैं जिसका जीता जागता उदाहरण डा. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कॉलेज टांडा में देखने को मिला।
बनखंडी, (राजीव शर्मा): देश पर अपनी जान न्यौछावर कर देने वाले सैनिक दिन-रात भूखे-प्यासे जो सरहदों पर अपने देश की रक्षा के लिए डटे हैं उनके खुद के परिजन दर-दर की ठोकरें खाते हैं जिसका जीता जागता उदाहरण डा. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कॉलेज टांडा में देखने को मिला। जहां एक शहीद की माता की अस्पताल में हुई मौत पर उसके परिजनों ने चिकित्सकों पर उपचार में कोताही के आरोप लगाए हैं। गौरतलब है कि कारगिल शहीद वजिन्दर सिंह की माता संतोष कुमारी की गत दिवस हृदयघात के कारण डा. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कॉलेज टांडा में उपचार के दौरान मौत हो गई।
संतोष कुमारी की मौत पर परिजनों ने एमरजैंसी में तैनात चिकित्सकों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। परिजनों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हैल्पलाइन 1100 पर भी की है, जिसकी शिकायत संख्या 1049922 है जोकि मैडीकल सुपरिंटैंडैंट डा. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कॉलेज टांडा को रैफर कर दी गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार संतोष कुमारी पत्नी जगदीश चंद निवासी बणे दी हट्टी को 13 सितम्बर तड़के 3 बजे के करीब हार्ट अटैक हुआ। परिजन संतोष कुमारी को तुरंत उपचार के लिए डा. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कॉलेज टांडा में एमरजैंसी में ले गए।
मृतक संतोष कुमारी के बेटे विजय कुमार ने एमरजैंसी में तैनात चिकित्सकों पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी माता को एमरजैंसी में उपचार नहीं दिया गया। विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी माता की हालत बेहद नाजुक हो गई थी, लेकिन उनको न तो वेंटीलेटर पर रखा और न ही आई.सी.यू. केयर की गई। उन्होंने कहा कि कंसलटेंट तक को नहीं बुलाया गया। एमरजैंसी की हालत में भी उन्हें रिपोर्ट के लिए लाइन में लगाया गया।
विजय सिंह के मुताबिक पेशेंट को 6 घंटे तक ओ.पी.डी. में ही रखा गया। उसके बाद आई.सी.यू. में शिफ्ट किया गया, लेकिन आई.सी.यू. में शिफ्ट करने से पहले ही उनकी मौत ओ.पी.डी. में हो चुकी थी। विजय सिंह ने अपनी माता की मौत के लिए एमरजैंसी में तैनात चिकित्सकों को दोषी ठहराया है। मृतक संतोष कुमारी के बेटे विजय सिंह ने मुख्यमंत्री व अस्पताल प्रशासन से एमरजैंसी में उपचार में लापरवाही के कारण उनकी माता की हुई मौत पर संज्ञान लेने की गुहार लगाई है।