Edited By Jyoti M, Updated: 16 Sep, 2024 09:53 AM
धर्मशाला में वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान स्थापित की गई सेनिटाइजर मशीनें आज एक नजारा बनकर रह गई हैं। जब कोरोना के संक्रमण ने दुनिया भर में हड़कंप मचाया था, तब इन मशीनों ने लोगों को संक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
हिमाचल डेस्क। धर्मशाला में वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान स्थापित की गई सेनिटाइजर मशीनें आज एक नजारा बनकर रह गई हैं। जब कोरोना के संक्रमण ने दुनिया भर में हड़कंप मचाया था, तब इन मशीनों ने लोगों को संक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन अब ये मशीनें खुद अनदेखी और अवहेलना का शिकार हो गई हैं। सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च कर लगाई गई ये मशीनें आज उपयोग के बिना दीवारों पर धूल फांक रही हैं या खराब हो चुकी हैं।
एक समय की संजीवनी
कोरोना के दौर में इन सेनिटाइजर मशीनों ने हर किसी के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान बनाया। सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों में इन मशीनों की स्थापना से लोगों को संक्रमण से बचाव मिला और महामारी के दौरान इनका उपयोग व्यापक रूप से हुआ। इन मशीनों ने न केवल कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की, बल्कि संक्रमण की चेन को भी तोड़ने में सहायक साबित हुईं।
अब क्यों बनी हैं बेकार?
कोरोना महामारी के प्रभाव में कमी आने के बाद, इन मशीनों का उपयोग घट गया है। सरकारी दफ्तरों में इन मशीनों की देखभाल में लापरवाही और ओवरसाइट के चलते, ये मशीनें आज खराब हो गई हैं या धूल से ढकी हुई हैं। अधिकारियों की नजरें अक्सर इन मशीनों पर तो जाती हैं, लेकिन इन्हें चालू करने या सेनिटाइजर भरने की कोई जिम्मेदारी नहीं उठाता।
वित्तीय बर्बादी की चिंता
कोरोना काल में इन मशीनों की खरीद पर लाखों रुपये खर्च हुए थे। अगर इन्हें ठीक करके दोबारा इस्तेमाल में लाया जाए तो काफी धन की बर्बादी से बचा जा सकता है। यह न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इन मशीनों की मरम्मत और रखरखाव से सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा में भी सुधार हो सकता है।
पुन: उपयोग की संभावना
अभी भी पर्सनल हाइजीन बनाए रखना बेहद आवश्यक है। सेनिटाइजर कई प्रकार के कीटाणुओं को खत्म करने में सहायक है, इसलिए मशीनों का ठीक होना महत्वपूर्ण है। इनकी मरम्मत और पुनर्निर्माण से इनका उपयोग फिर से किया जा सकता है, और इससे न केवल जनता की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि वित्तीय संसाधनों का भी सही इस्तेमाल होगा।
समाधान की दिशा
सरकारी अधिकारियों को चाहिए कि वे इन मशीनों की स्थिति का आकलन करें और उन्हें जल्द से जल्द ठीक करवाएं। इससे न केवल एक बार फिर से मशीनों का उपयोग संभव होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि संक्रमण फैलने की संभावना कम हो। कोरोना महामारी समाप्त हो चुकी है, लेकिन व्यक्तिगत हाइजीन का महत्व अब भी कायम है।
समय की मांग है कि हम पुराने संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करें और स्वास्थ्य सुरक्षा के मानकों को बनाए रखें। सेनिटाइजर मशीनों की मरम्मत और संचालन से हमें न केवल एक बार फिर से उनकी उपयोगिता का लाभ मिल सकेगा, बल्कि यह भविष्य में किसी भी स्वास्थ्य आपदा से निपटने के लिए भी तैयार रहने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।