Edited By Kuldeep, Updated: 03 Aug, 2024 04:57 PM
मटौर-शिमला राष्ट्रीय उच्चमार्ग पर बाईपास व पुराना कांगड़ा घाट के समीप बारिश के कारण जगह-जगह लैंडस्लाइड होने से मलबा गिर गया था। शनिवार सुबह संबंधित विभाग ने जगह-जगह गिरे मलबे को जेसीबी से हटाना शुरू किया।
कांगड़ा (अविनाश): मटौर-शिमला राष्ट्रीय उच्चमार्ग पर बाईपास व पुराना कांगड़ा घाट के समीप बारिश के कारण जगह-जगह लैंडस्लाइड होने से मलबा गिर गया था। शनिवार सुबह संबंधित विभाग ने जगह-जगह गिरे मलबे को जेसीबी से हटाना शुरू किया। इस दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। इस मार्ग पर बरसात के समय लैंडस्लाइड होते रहते हैं जिससे दुर्घटना होने का अंदेशा हमेशा बना रहता है। वहीं पिछली बरसात में लैंडस्लाइड के दौरान एक वाहन चालक बाल-बाल बच गया था। वहीं समेला, दौलतपुर, रानीताल के पास फोरलेन के साथ लगती पहाड़ियों से भी चट्टानों के बड़े-बड़े पत्थर सड़क पर गिरने की सूचना मिली, जिसे फोरलेन निर्माण अधीन कंपनी ने जेसीबी से हटाया।
वहीं कांगड़ा मंदिर मार्ग पर डाली गई इंटरलॉक टाइलें कुछ जगह पर धंसना शुरू हो गई हैं। यहां आए दिन लोग गिर रहे हैं। शनिवार सुबह इंटरलॉक टाइलों से सीवरेज का गंदा पानी सड़क पर बहना शुरू हो गया जिससे मां के दर्शनों के लिए जा रहे श्रद्धालुओं व स्थानीय दुकानदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोगों ने संबंधित विभाग से इसे जल्द ठीक करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त से सावन अष्टमी नवरात्र शुरू हो रहे हैं। सैंकड़ों लोग इसी रास्ते से होकर मंदिर पहुंचते हैं। दुकानदारों की शिकायत के बाद हालांकि सीवरेज के ओवरफ्लो को तो ठीक कर दिया गया लेकिन उबड़-खाबड़ टाइलों से परेशानी बनी हुई है।