Edited By Vijay, Updated: 19 Jan, 2020 08:15 PM
एशिया के सबसे ऊंचे पुलों में शुमार कंदरौर पुल आज प्रदेश सरकार और प्रशासन की अनदेखी के चलते अपनी हालत पर आंसू बहाने को मजबूर है। जी हां, शिमला-धर्मशाला नैशनल हाईवे-103 पर स्थित इस पुल पर जगह-जगह गड्ढे पड़ गए हैं, जिस कारण यहां से गुजरने वाले पर्यटकों...
बिलासपुर (मुकेश): एशिया के सबसे ऊंचे पुलों में शुमार कंदरौर पुल आज प्रदेश सरकार और प्रशासन की अनदेखी के चलते अपनी हालत पर आंसू बहाने को मजबूर है। जी हां, शिमला-धर्मशाला नैशनल हाईवे-103 पर स्थित इस पुल पर जगह-जगह गड्ढे पड़ गए हैं, जिस कारण यहां से गुजरने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारी केवल आश्वासन तक ही सीमित नजर आ रहे हैं। रोजाना इस पुल से शिमला, सोलन सहित बिलासपुर से हमीरपुर, धर्मशाला और चम्बा की ओर पर्यटकों व स्थानीय लोगों के हजारों वाहनों गुजरते हैं। बरसात के चलते जब इन गड्ढों में पानी भर जाता है तो गड्ढे दिखाई नहीं देते और छोटे वाहन दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं।
बता दें कि हर साल धर्मशाला में होने वाले विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदेश के कई विधायकों और मंत्रियों के वाहन इस पुल पर से होकर गुजरते है लेकिन प्राचीन व ऐतिहासिक पुल की जर्जर हालत की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं गया है। वहीं पुल की अनदेखी पर स्थानीय लोगों व दुकानदारों का कहना है कि बीते डेढ़ साल से पुल पर गड्ढे पड़े हुए हैं लेकिन सम्बन्धित विभाग द्वारा आज तक इसकी मुरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया है जिसके कारण पुल पर पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन से पुल की जल्द मुरम्मत करवाने की अपील भी की है।
वहीं कंदरौर पुल की जर्जर हालत को लेकर जब डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल से बात की गई तो उन्होंने यह माना कि कंदरौर पुल में पानी की निकासी के लिए पर्याप्त व्यवस्था न होने के चलते पुल की हालत खस्ता हुई है, साथ ही उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों से इस बाबत बात करने और कंदरौर पुल सहित अन्य पुलों की खस्ता हालत को जल्द सुधारने का भी आश्वासन दिया है। बता दें कि कंदरौर पुल का उद्घाटन 16 जून, 1965 को यूनियन मिनिस्टर ऑफ ट्रांसपोर्ट राज बहादुर द्वारा किया गया था।