Edited By Kuldeep, Updated: 03 Jun, 2025 06:39 PM

नगर निगम के सैहब सोसायटी कर्मचारियों का प्रशासन ने एक दिन का वेतन काट दिया है। पिछले महीने सैहब कर्मचारी कामकाज छोड़ हड़ताल पर चले गए हैं, ऐसे में प्रशासन ने बिना सूचित किए काम पर नहीं आने पर सैहब कर्मचारियों की एक दिन एब्सेंट मार्क की है, जिस पर...
शिमला (वंदना): नगर निगम के सैहब सोसायटी कर्मचारियों का प्रशासन ने एक दिन का वेतन काट दिया है। पिछले महीने सैहब कर्मचारी कामकाज छोड़ हड़ताल पर चले गए हैं, ऐसे में प्रशासन ने बिना सूचित किए काम पर नहीं आने पर सैहब कर्मचारियों की एक दिन एब्सेंट मार्क की है, जिस पर सैहब कर्मचारी भड़क गए हैं। इस मामले को लेकर सैहब कर्मचारी निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री से मिले और एब्सैंट नहीं लगाने की मांग की है। इस प्रशासन ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। प्रशासन का कहना है कि कर्मचारी काम पर नहीं आए हैं, और बिना सूचित किए हड़ताल पर चले गए थे, ऐसे में काम पर नहीं आने पर कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटा गया है। निगम प्रशासन के इस फैसले से गुस्साए कर्मचारियों ने प्रशासन को दोबारा से आंदोलन की चेतावनी भी दी है। भड़के कर्मचारी मंगलवार को मेयर कार्यालय पहुंचे और मेयर सुरेंद्र चौहान के समक्ष इस मामले पर उठाया।
सैहब सोसायटी के अध्यक्ष जसवंत सिंह ने कहा कि पिछले महीने कर्मचारी हड़ताल 10 मई को हड़ताल पर गए थे, ऐसे में प्रशासन कर्मचारियों के हड़ताल पर गए दिनों का वेतन काटने जा रहा है। सैहब कर्मचारियों ने प्रशासन की इस तानाशाही के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने साफ कहा है कि जब प्रशासन तानाशाही कर रहा है तो सैहब कर्मचारी भी अब शहर में चलने वाले सफाई अभियान, नालों की सफाई इत्यादि में अवकाश के दिन भी सहयोग नहीं देंगे। मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि कर्मचारी बिना बताए अवकाश पर थे, ऐसे में एक दिन की एब्सैंट मार्क की गई है। प्रशासन की तीन की बजाय एक दिन का ही वेतन काट रहा है। मेयर ने आश्वासन दिया है कि वह इस मसले का समाधान करेंगे। वहीं कर्मचारियों ने वेतन काटने पर कड़ी नाराजगी जताई है।
मेयर ने नालों की सफाई के दिए आदेश
वहीं मेयर सुरेंद्र चौहान ने शहर में नालों और नालियों को साफ करने के आदेश संबंधित सभी विभागों को दिए हैं। इसके तहत निगम अतिरिक्त लेबर हायर कर नालों को साफ करेगा। वहीं लोक निर्माण विभाग, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, नेशनल हाईवे इत्यादि को भी अपनी सड़कें और नाले साफ करने के निर्देश दिए हैं। वहीं बरसात को लेकर निगम जल्द ही खतरनाक पेड़ों का निरीक्षण करने जा रहा है। निगम अब तक 5 हजार पेड़ों का निरीक्षण कर चुका है, जबकि 2 हजार पेड़ों को काटने की अनुमति कैबिनेट से मिल चुकी है।