Edited By Vijay, Updated: 10 Jul, 2025 08:21 PM

अमेरिका में प्रवासी अरबपतियों की नई तस्वीर उभरकर सामने आई है और इस तस्वीर में सबसे अधिक चमक भारतीयों की है। प्रतिष्ठित फाेर्ब्स 2025 रिपोर्ट के अनुसार भारतीय मूल के अरबपतियों की संख्या अमेरिका में अब सबसे अधिक हो गई है, जिन्होंने इजराइल और ताईवान...
हिमाचल डैस्क: अमेरिका में प्रवासी अरबपतियों की नई तस्वीर उभरकर सामने आई है और इस तस्वीर में सबसे अधिक चमक भारतीयों की है। प्रतिष्ठित फाेर्ब्स 2025 रिपोर्ट के अनुसार भारतीय मूल के अरबपतियों की संख्या अमेरिका में अब सबसे अधिक हो गई है, जिन्होंने इजराइल और ताईवान जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है। इजराइल और ताईवान से अमेरिका में 11-11 अरबपति हैं, जबकि भारत से यह संख्या बढ़कर 12 हो गई है। यह न सिर्फ भारत की वैश्विक आर्थिक ताकत का संकेत है, बल्कि भारतीय उद्यमियों की मेहनत, नवाचार और नेतृत्व क्षमता का भी प्रमाण है।
भारतीय मूल के अरबपतियों में हिमाचल प्रदेश के एक छोटे-से गांव से निकले जय चौधरी का नाम सबसे ऊपर है, जिनकी कुल संपत्ति 17.9 बिलियन डॉलर (लगभग 1.53 लाख करोड़ रुपए,) आंकी गई है। 1959 में हिमाचल प्रदेश में ऊना जिला के पनोह गांव के किसान भगत सिंह चौधरी के घर जन्मे जय चौधरी 1980 के दशक में उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गए और वहां उन्होंने Zscaler नामक एक सफल साइबर सुरक्षा कंपनी की स्थापना की। आज यह कंपनी विश्व की अग्रणी क्लाऊड-बेस्ड साइबर सुरक्षा सेवा प्रदाताओं में गिनी जाती है।
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में अब कुल 125 विदेशी मूल के अरबपति रह रहे हैं, जबकि यह संख्या वर्ष 2022 में केवल 92 थी। ये अरबपति कुल 43 विभिन्न देशों से ताल्लुक रखते हैं और अमेरिका के कुल अरबपति वर्ग का 14 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं। इन 125 अरबपतियों की कुल संयुक्त संपत्ति 1.3 ट्रिलियन डाॅलर है, जो अमेरिका की कुल अरबपति संपत्ति 7.2 ट्रिलियन डाॅलर का लगभग 18 प्रतिशत है। यह दर्शाता है कि प्रवासी अरबपति अमेरिका की अर्थव्यवस्था में कितनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
रिपोर्ट में एक और महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है कि अमेरिका के कुल अरबपतियों में से 25 प्रतिशत ने अपनी संपत्ति विरासत में पाई है, जबकि प्रवासी अरबपतियों में से 93 प्रतिशत ने अपनी संपत्ति खुद बनाई है। इससे यह साबित होता है कि अमेरिका में प्रवासी उद्यमियों ने मेहनत और नवाचार के बल पर अपने साम्राज्य खड़े किए हैं। प्रवासी अरबपतियों में सबसे अधिक 53 टैक्नोलॉजी सैक्टर से और 28 वित्तीय सेवाओं से जुड़े हुए हैं।
भारतीय मूल के अरबपति जिन्होंने फाेर्ब्स 2025 की सूची में जगह बनाई
नाम |
कुल संपत्ति ($B) |
क्षेत्र/उद्योग |
जय चौधरी |
17.9 |
साइबर सुरक्षा (Zscaler) |
विनोद खोसला |
9.2 |
सन माइक्रोसिस्टम्स, वेंचर कैपिटल |
राकेश गंगवाल |
6.6 |
एयरलाइन उद्योग |
रोमेश टी. वाधवानी |
5.0 |
सॉफ्टवेयर |
राजीव जैन |
4.8 |
वित्त क्षेत्र |
कावितार्क राम श्रीराम |
3.0 |
गूगल, वेंचर कैपिटल |
राज सरदाना |
2.0 |
टैक्नोलॉजी सेवाएं |
डेविड पॉल |
1.5 |
मेडिकल उपकरण |
निकेश अरोड़ा |
1.4 |
साइबर सुरक्षा, सॉफ्टबैंक, गूगल |
सुंदर पिचाई |
1.1 |
अल्फाबेट (गूगल की मूल कंपनी) |
सत्य नडेला |
1.1 |
माइक्रोसॉफ्ट |
नीरजा सेठी |
1.0 |
आईटी कंसल्टिंग |
एलन मस्क की संपत्ति 393.1 बिलियन डॉलर
अन्य देशों के प्रमुख प्रवासी अरबपति जिनकी चर्चा रिपोर्ट में हुई है, उनमें दक्षिण अफ्रीका मूल एलन मस्क, रूस मूल के सर्गेई ब्रिन और ताईवान मूल के जेंसन हुआंग शामिल हैं। एलन मस्क अमेरिका के सबसे अमीर व्यक्ति हैं, जिनकी कुल संपत्ति 393.1 बिलियन डॉलर है। सर्गेई ब्रिन गूगल के सह-संस्थापक हैं, जिनकी कुल संपत्ति 139.7 बिलियन डॉलर है। वहीं जेंसन हुआंग एनविडिया (Nvidia) के सीईओ (CEO) जिनकी कुल संपत्ति 137.9 बिलियन डॉलर है।