जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनाया फैसला, इंश्योरैंस कंपनी को 9 प्रतिशत ब्याज सहित पैसे लौटाने के आदेश

Edited By Vijay, Updated: 29 Mar, 2023 01:01 AM

insurance company ordered to return money with 9 percent interest

इंश्योरैंस पॉलिसी के मैच्योर होने के बाद नोमिनी के नाम पर पॉलिसी की राशि न देने और अनजान व्यक्ति के खाते राशि को ट्रांसफर करने पर इंश्योरैंस कंपनी को 9 प्रतिशत ब्याज सहित 506639 रुपए लौटाने होंगे।

पॉलिसी मैच्योर होने के बाद नोमिली की जगह अनजान व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दी थी राशि
धर्मशाला (तनुज):
इंश्योरैंस पॉलिसी के मैच्योर होने के बाद नोमिनी के नाम पर पॉलिसी की राशि न देने और अनजान व्यक्ति के खाते राशि को ट्रांसफर करने पर इंश्योरैंस कंपनी को 9 प्रतिशत ब्याज सहित 506639 रुपए लौटाने होंगे। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य नारायण ठाकुर व आरती सूद की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है। 

यह था मामला
आयोग के समक्ष नीरज शर्मा निवासी डरोह तहसील पालमपुर जिला कांगड़ा व उनकी माता व बहन ने शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में कहा था कि उनके पिता ने 18 व 21 जून, 2013 को बजाज एलियांज लाइफ इंश्योरैंस कंपनी से 2 पॉलिसी ली थी। इसकी किस्तें भी समय पर भरी गई थीं। वर्ष 2014 से उनके पिता को गंभीर बीमारी हो गई थी जिससे सभी परेशान रहने लगे। इसके बाद 4 फरवरी, 2019 को उनके पिता का देहांत हो गया, उन्हें पॉलिसी बारे कोई जानकारी नहीं रही थी, लेकिन जब वह इनकम टैक्स रिटर्न भरने लगे थे तब पॉलिसी की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ स्थित इंश्योरैंस कंपनी की ब्रांच में पॉलिसी बारे जानकारी ली तो पता चला कि पॉलिसी मैच्योर हो चुकी है और किसी तिल बहादुर गुरुंग व्यक्ति के खाते में पॉलिसी के पैसे डाले गए हैं। किसी अनजान व्यक्ति के बैंक खाते में पॉलिसी के पैसे डालने पर उन्होंने इस बारे कंपनी के साथ-साथ बैंक को भी सूचित किया। इतना ही नहीं, डरोह में अपने घर आने के बाद उन्होंने पॉलिसी से संबंधित सभी दस्तावेज व नोमिनी के नाम संबंधी दस्तावेज भेजे लेकिन कंपनी की ओर से कोई भी उचित कदम नहीं उठाया गया। इसके बाद इस बाबत शिकायतकर्ता की ओर से पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई गई तो कंपनी ने उनकी माता के खाते में एक पॉलिसी के 127409 रुपए जमा करवाए जबकि दूसरी पॉलिसी के पैसे दोबारा उक्त अनजान व्यक्ति के खाते में भेजे गए। इसके बाद उपभोक्ता आयोग के समक्ष इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज करवाई गई। आयोग ने तथ्यों को जांचने के बाद पाया कि यह इंश्योरैंस कंपनी की लापरवाही है। आयोग ने इंश्योरैंस कंपनी को आदेश दिए कि 30 दिन के भीतर 9 प्रतिशत ब्याज सहित 506639 रुपए शिकायतकर्ताओं को दिए जाएं। 

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