Edited By Vijay, Updated: 08 May, 2025 12:06 PM

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में इन दिनों पानी के बिल नहीं, बल्कि 'आर्थिक बम' फट रहे हैं! शहर के कई पेयजल उपभोक्ताओं को अचानक लाखों रुपए के भारी भरकम बिल थमा दिए गए हैं, जिसे देखकर उनके होश उड़ गए हैं।
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में इन दिनों पानी के बिल नहीं, बल्कि 'आर्थिक बम' फट रहे हैं! शहर के कई पेयजल उपभोक्ताओं को अचानक लाखों रुपए के भारी भरकम बिल थमा दिए गए हैं, जिसे देखकर उनके होश उड़ गए हैं। किसी को चार लाख तो किसी को पांच लाख से भी ज्यादा का बिल मिला है, जिससे वे अब कंपनी के दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
कनलोग और समरहिल जैसे इलाकों में इस 'लाखों के बिल' का आतंक साफ देखा जा सकता है। सेवानिवृत्त प्रिंसिपल कर्मचंद शर्मा, जो हर महीने 500 से 1000 रुपए का बिल भरते थे, इस बार 5.39 लाख रुपए का बिल देखकर सन्न रह गए। वहीं, कनलोग के एक भवन मालिक को तो सीधे चार लाख का झटका लगा। उन्होंने इसकी शिकायत वार्ड पार्षद आलोक पठानिया से की। जब उन्होंने जांच करवाई तो बिल महज 145 रुपए का निकला।
ऐसा लगता है कि पानी के बिल जारी करने का जिम्मा संभालने वाली नई कंपनी सुएज इंडिया कुछ ज्यादा ही उत्साहित हो गई है। नए कर्मचारियों द्वारा ली जा रही मीटर रीडिंग और जारी किए जा रहे बिलों में भारी गड़बड़ी सामने आ रही है। नगर निगम सदन में भी इस मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ था, जिसके बाद कंपनी ने दावा किया था कि गलत बिलों को रोकने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। मीटर रीडर को अब बिल जारी करने से पहले मीटर की फोटो लेने का आदेश दिया गया था, ताकि गड़बड़ी होने पर जांच की जा सके, लेकिन लगता है कि यह नई व्यवस्था भी पानी में बह गई।
कंपनी के महाप्रबंधक राजेश कश्यप जरूर कह रहे हैं कि ऐसे बिलों को शिकायत मिलते ही तुरंत ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन सवाल यह है कि आखिर इतने गलत बिल जारी क्यों हो रहे हैं? उपभोक्ताओं को इस मानसिक और आर्थिक परेशानी से कौन बचाएगा?
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