Edited By Vijay, Updated: 24 Oct, 2024 06:22 PM
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े पदों को भरने में देरी पर कड़ा संज्ञान लिया है।
शिमला (मनोहर): हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े पदों को भरने में देरी पर कड़ा संज्ञान लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने स्वास्थ्य निदेशक को प्राइमरी हैल्थ सैंटरों में विभिन्न पदों की रिक्तियों सहित पूर्ण ब्यौरा कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए। कोर्ट ने यह जानकारी निदेशक को शपथपत्र के साथ पेश करने के आदेश दिए। इससे पहले हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से पूछा था कि प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों समेत अन्य स्टाफ के 1450 रिक्त पड़े पदों को कब तक भर लिया जाएगा।
कोर्ट ने सरकार के इन पदों को भरने के लिए अपनाई जा रही टालमटोल रणनीति को स्पष्ट करने को भी कहा था। सरकार की ओर से पेश स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया था कि विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 25 मैडीकल ऑफिसरों की तैनाती कर दी गई है जबकि जिन 49 सरप्लस मैडीकल ऑफिसरों की तैनाती पहले नहीं की जा सकी थी उनमें से 33 चिकित्सकों तैनाती भी रिक्त पदों पर कर दी गई है।
कोर्ट को बताया गया था कि 200 चिकित्सकों सहित स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अन्य 1450 पदों को भरने का मसौदा भी तैयार किया जा रहा है। कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने पर पाया कि इसमें उक्त पदों को भरने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। कोर्ट ने सरकार को 5 नवम्बर तक इस बाबत स्थिति स्पष्ट करने के आदेश जारी किए।
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