Edited By Vijay, Updated: 02 Sep, 2022 11:06 PM

राधाष्टमी पर्व शुरू होने से पहले सप्तमी को शिवगुरों द्वारा डल झील पार करने के बाद लगभग 40 हजार शिव भक्तों ने मणिमहेश की डल झील में पवित्र स्नान किया। एसडीएम भरमौर असीम सूद ने बताया कि राधाष्टमी का स्नान रविवार सुबह 10 बजे तक होने के कारण बहुत से...
भरमौर (उत्तम ठाकुर): राधाष्टमी पर्व शुरू होने से पहले सप्तमी को शिवगुरों द्वारा डल झील पार करने के बाद लगभग 40 हजार शिव भक्तों ने मणिमहेश की डल झील में पवित्र स्नान किया। एसडीएम भरमौर असीम सूद ने बताया कि राधाष्टमी का स्नान रविवार सुबह 10 बजे तक होने के कारण बहुत से यात्रियों का मणिमहेश जाने का क्रम अभी भी जारी है। डल झील को पार करने के बाद अष्टमी का स्नान शुरू हुआ है। इस पावन पर्व का यह स्नान शिवगुरों द्वारा डल झील को पार करने के बाद शुरू हुआ है तथा रविवार सुबह 10 बजे तक चलेगा। भरमौर से डल झील तक जो यात्री डुबकी लगाने पहुंचे हैं, उनमें से अधिकांश यात्री स्नान कर वापस भी लौटने शुरू हो गए हैं।

गत 2 वर्षों तक कोरोना काल के बाद इस बार बहुत अधिक यात्रियों के मणिमहेश आने की संभावना थी मगर बादल फटने की विभिन्न घटनाओं, खराब मौसम, प्रंघाला नाले के खराब रहने तथा पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण बहुत कम लोग यहां पहुंच पाए। बादल फटने के कारण जब प्रशासन ने तीन दिनों के लिए यात्रा पर न जाने की अपील की तो उस समय बहुत से यात्री भरमौर से ही वापस लौट गए। इसी कारण बहुत से लोगों ने यात्रा न करने का मन बनाया।
हालांकि भरमौर प्रशासन ने गत वर्षों की अपेक्षा बेहतर सुविधाओं का प्रबंध इस बार किया था, मगर हड़सर से धनछो तक का रास्ता भरमौर प्रशासन को लगभग नए सिरे से ही बनाना पड़ा। नाले से चलने वाला पूरा रास्ता नाले में आई बाढ़ में बह गया, वहीं वैकल्पिक तरंगड़ी को भी दोबारा बनाना पड़ा। इसीलिए यमकुंड-धनछो वाले रास्ते से यात्रा चलानी पड़ी। मौसम पैक होने के कारण शुक्रवार को कोई भी हैलीकॉप्टर की उड़ान भरमौर से गौरीकुंड तक नहीं हो सकी। काफी अधिक यात्री मौसम साफ होने का इंतजार करते रहे जबकि राधाष्टमी का स्नान चार सितम्बर सुबह 10 बजे तक चलेगा।
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