Edited By Jyoti M, Updated: 07 Jan, 2025 02:08 PM
एक ओर जहां लोग अभी कोविड के दौर से पूरी तरह से उभर नहीं सके हैं, वहीं अब ह्यूमन मैटान्यूमोवायरस (एच.एम.पी.वी.) ने देश व प्रदेशवासियों की चिंता को बढ़ा दिया है। एचएमपीवी वायरस को लेकर अब हिमाचल भी सतर्क हो गया है।
हिमाचल डेस्क (संतोष): एक ओर जहां लोग अभी कोविड के दौर से पूरी तरह से उभर नहीं सके हैं, वहीं अब ह्यूमन मैटान्यूमोवायरस (एच.एम.पी.वी.) ने देश व प्रदेशवासियों की चिंता को बढ़ा दिया है। एचएमपीवी वायरस को लेकर अब हिमाचल भी सतर्क हो गया है। कर्नाटक में आए इसके मामलों के बाद जहां सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक की गई और सभी प्रदेशों व केंद्र शासित राज्यों को अलर्ट कर दिया गया है।
वहीं इस बैठक के उपरांत स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी की अध्यक्षता में सभी मैडीकल कालेजों के प्राचार्यों, सभी जिलों के सी.एम.ओ. व एम.एस. के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित हुई, जिसमें स्वास्थ्य सचिव ने दिशा-निर्देश दिए कि इंफ्लुएंजा से संबंधित मामलों या गंभीर श्वस्त के सभी मामलों की निगरानी की जाए।
डॉ. राकेश प्रताप, मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिमला ने बताया कि मास्क, पीपीई किट, ऑक्सीजन कसंट्रेटर समेत दवाइयों का स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त स्टॉक है। हालांकि बीएमओ और फील्ड स्टाफ को अपनी तैयारियां हर वक्त पूरी रखने के निर्देश जारी किए हैं।
क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी)?
ह्यूमन मोटान्यूमोवायरस, जिसे एचएमपीवी के छोटे नाम से भी जाना जाता है, इंसानों की श्वसन प्रक्रिया पर प्रभाव डालने वाला वायरस है। इसकी पहली बार पहचान 2001 में हो गई थी। तब नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया था। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है।
श्वसन संबंधी अन्य वायरस की तरह यह भी संक्रमित लोगों के खांसने-छींकने के दौरान उनके करीब रहने से फैलता है। कुछ स्टडीज में दावा किया गया है कि यह वायरस पिछले छह दशकों से दुनिया में मौजूद है।