Edited By Kuldeep, Updated: 16 Aug, 2025 09:27 PM
राज्य में मानसून लगातार कहर बरपा रहा है। यैलो अलर्ट के बीच राज्य के विभिन्न हिस्सों में बीती रात हुई भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।
शिमला (संतोष): राज्य में मानसून लगातार कहर बरपा रहा है। यैलो अलर्ट के बीच राज्य के विभिन्न हिस्सों में बीती रात हुई भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले 2 दिनों में 14 लोगों को विभिन्न हादसों में अपनी जान गंवानी पड़ी है। गुरुवार शाम तक मृतकों का आंकड़ा जहां 247 था, वह शनिवार शाम तक 261 जा पहुंचा है। इसमें किन्नौर जिले के युला में भूस्खलन के कारण दिल्ली से आए दंपति की मौत हो गई है, जबकि शिमला जिले में बाढ़ का पानी नाले में अधिक आ जाने से मां-बेटी को काल का ग्रास बनना पड़ा है। मृतकों में सबसे अधिक जिला मंडी में 47, कांगड़ा में 40, चम्बा में 30, शिमला में 26, किन्नौर में 24, कुल्लू में 22, हमीरपुर व सोलन में 16-16, ऊना में 14, बिलासपुर में 10, सिरमौर में 9 व लाहौल-स्पीति में 7 पहुंच गया है। 37 लोग अभी भी लापता हैं, जिसमें अकेले मंडी जिले में 27 लोग शामिल हैं। 332 लोग घायल भी हुए हैं। बारिश के कारण चंडीगढ़-मनाली फोरलेन मंडी से पनारसा तक कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण बंद रहा।
इसके अलावा शिमला से सटे सुन्नी क्षेत्र में सतलुज नदी के उफान पर आने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। यहां आई.टी.आई., फोरैस्ट रैस्ट हाऊस और सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट तक में पानी घुस गया है। सुन्नी पुल पर प्रशासन ने आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी है और आसपास के लोगों को नदी से दूर रहने की सख्त हिदायत दी गई है। कांगड़ा जिला में पौंग बांध से छोड़े गए पानी ने हालात और गंभीर कर दिए हैं। मंड भोग्रवां गांव में अचानक ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से कई एकड़ भूमि पानी में समा गई और एक बहुमंजिला मकान का एक हिस्सा चंद सैकेंडों में नदी की धारा में समा गया। प्रशासन ने समय रहते घर खाली करवा लिया था, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
मौसम विभाग के अनुसार शनिवार शाम तक 2 एनएच व 311 मार्ग बाधित रहे, वहीं 348 बिजली ट्रांसफार्मर व 119 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं। किन्नौर जिले में एनएच-05 रिब्बा नाला व मलिंग नाला के पास बंद रहा, वहीं कुल्लू जिले में एनएच-305 जहेड़ खनग के पास भूस्खलन के कारण बाधित रहा। संपर्क मार्गों में सबसे अधिक 175 जिला मंडी, कुल्लू में 63 व कांगड़ा में 15 शामिल हैं। अकेले मंडी जिले में 322 ट्रांसफार्मर बाधित चल रहे हैं और यहां कई इलाकों में ब्लैक आऊट रहा।
2,144 करोड़ हो चुका है नुक्सान, पीडब्ल्यूडी को सर्वाधिक 1,188 करोड़ की लगी चपत
20 जून से आरंभ हुए मानसून सीजन में अब तक राज्य को 2,144 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुक्सान हो चुका है। अकेले पीडब्ल्यूडी को 1,188 करोड़, जल शक्ति विभाग को 679 करोड़ व बिजली बोर्ड को 139 करोड़ का नुक्सान हो चुका है। राज्य में भूस्खलन की 63, फ्लैश फ्लड की 74 और बादल फटने की 34 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
मौसम विभाग के अनुसार अब मानसून थोड़ा धीमा पड़ने की संभावनाएं हैं। हालांकि आगामी 3 दिनों तक कुछ जिलों में यैलो अलर्ट अवश्य जारी किया गया है, लेकिन इसका ज्यादा प्रभाव नहीं दिखेगा, अपितु 20 अगस्त के बाद किसी भी प्रकार का कोई अलर्ट नहीं रहेगा। विभाग के मुताबिक रविवार को 5 जिलों चम्बा, कांगड़ा, मंडी, शिमला व सिरमौर में 1-2 स्थानों पर भारी बारिश का यैलो अलर्ट रहेगा, जबकि 18 अगस्त को कांगड़ा व 19 अगस्त को कांगड़ा व मंडी में यैलो अलर्ट रहेगा। शेष अन्य जिलों में किसी प्रकार का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
शनिवार को राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की-फुल्की वर्षा हुई, जिसमें शिमला में 1, सुंदरनगर में 2, धर्मशाला में 4.3, सोलन में 0.6, मंडी में 12, बिलासपुर में 0.5, चम्बा में 1, जुब्बड़हट्टी में 0.4, कुफरी में 4, नारकंडा में 8 व बजौरा में 2.5 मिलीमीटर वर्षा, जबकि कांगड़ा में बूंदाबांदी हुई है।