हिमाचल वाले सावधान! बढ़ता जा रहा डेंगू का प्रकोप, इन लक्षणों पर दें ध्यान...

Edited By Jyoti M, Updated: 20 Aug, 2025 12:58 PM

himachal people beware dengue outbreak is increasing

हिमाचल प्रदेश में डेंगू का प्रकोप साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है, जो अब एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में जहां डेंगू के लगभग 2,100 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 3,359 तक पहुंच गई है।...

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में डेंगू का प्रकोप साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है, जो अब एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में जहां डेंगू के लगभग 2,100 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 3,359 तक पहुंच गई है। यह वृद्धि लगभग 60% है, जो दर्शाता है कि स्थिति कितनी तेजी से बिगड़ रही है।

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी फैल रहा है संक्रमण

पहले डेंगू के मामले मुख्य रूप से मैदानी जिलों जैसे ऊना, सोलन और कांगड़ा तक ही सीमित थे। लेकिन अब शिमला और कुल्लू जैसे ऊंचे और ठंडे इलाकों में भी बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। इस बदलाव के पीछे का सबसे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन है।

जलवायु परिवर्तन और मच्छरों का नया ठिकाना

बढ़ते तापमान और लंबे समय तक बनी रहने वाली नमी मच्छरों के प्रजनन के लिए एकदम सही माहौल बना रही है। पहले जहां ठंडी जलवायु मच्छरों को पनपने से रोकती थी, अब वहीं का तापमान उनके लिए अनुकूल हो गया है। आमतौर पर, एडीज एजिप्टी मच्छर जो डेंगू और चिकनगुनिया फैलाता है, 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान में सबसे ज्यादा सक्रिय रहता है। जलवायु परिवर्तन के कारण अब ये मच्छर पहाड़ी क्षेत्रों में भी आसानी से जीवित रह पा रहे हैं।

अन्य बीमारियों का भी खतरा

हिमाचल में केवल डेंगू ही नहीं, बल्कि अन्य मच्छर जनित बीमारियों का भी खतरा है। एनाफिलीज मच्छर मलेरिया फैलाता है, जबकि क्यूलेक्स मच्छर जापानी इंसेफेलाइटिस जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।

इन लक्षणों पर ध्यान दें

समय पर बीमारी की पहचान और इलाज बहुत ज़रूरी है। इन लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है:

डेंगू: तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और शरीर में तेज दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते और प्लेटलेट्स की कमी।

मलेरिया: ठंड लगकर तेज बुखार आना, पसीना, सिरदर्द और थकान।

चिकनगुनिया: तेज बुखार के साथ हाथ-पांव और जोड़ों में सूजन और दर्द।

जापानी इंसेफेलाइटिस: बुखार, उल्टी, चक्कर और मानसिक भ्रम।

बचाव ही सबसे बड़ा उपाय

मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका है अपने और आसपास के वातावरण को साफ रखना। ये कुछ आसान उपाय हैं, जिन्हें अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं:

पानी जमा न होने दें: कूलर, गमलों, टायरों और पानी की टंकियों की नियमित सफाई करें।

घर की सुरक्षा: खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगाएं, और रात में मच्छरदानी का उपयोग करें।

सुरक्षित कपड़े पहनें: ऐसे कपड़े पहनें जो आपके शरीर को पूरी तरह से ढकें।

मच्छर भगाने वाले उत्पादों का उपयोग: मच्छर रिपेलेंट क्रीम या कॉइल का इस्तेमाल करें, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।

सामुदायिक प्रयास: बरसात के मौसम में विशेष सतर्कता बरतें। स्थानीय प्रशासन को भी फॉगिंग और कचरे के सही निस्तारण पर ध्यान देना चाहिए।

डेंगू का मुकाबला करने के लिए सरकार और जनता दोनों को मिलकर काम करना होगा।

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