Edited By Jyoti M, Updated: 18 Feb, 2025 10:34 AM

सैंज घाटी के तांदी गांव में सोमवार देर शाम एक भीषण अग्निकांड ने चारों ओर तबाही मचा दी। इस आग में दो रिहायशी मकान, एक फर्नीचर हाउस और देवता का भंडार जलकर राख हो गए। इस दुर्घटना से प्रभावित परिवारों को 50 लाख रुपए का भारी नुकसान हुआ है, लेकिन सौभाग्य...
हिमाचल डेस्क। सैंज घाटी के तांदी गांव में सोमवार देर शाम एक भीषण अग्निकांड ने चारों ओर तबाही मचा दी। इस आग में दो रिहायशी मकान, एक फर्नीचर हाउस और देवता का भंडार जलकर राख हो गए। इस दुर्घटना से प्रभावित परिवारों को 50 लाख रुपए का भारी नुकसान हुआ है, लेकिन सौभाग्य की बात यह रही कि इस हादसे में किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई। अग्नि के प्रकोप ने घरों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया, जिससे अंदर रखा सामान भी पूरी तरह जलकर राख हो गया।
आग की भयावहता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि स्थानीय ग्रामीणों को तीन घंटे तक कठिन मेहनत करने के बावजूद भी कुछ मकानों को बचाने में सफलता नहीं मिल पाई। हालांकि, स्थानीय लोगों की कड़ी मेहनत और संघर्ष से गांव के बीचों-बीच स्थित देवता बह्मा के मंदिर को सुरक्षित बचा लिया गया। लेकिन उत्तम चंद और दिलीप सिंह के घरों को नहीं बचाया जा सका। यह घटना ग्राम पंचायत धाऊगी के तहत आती है, और प्रधान विमला देवी ने बताया कि अग्निकांड में दो परिवारों के घर पूरी तरह से राख हो गए हैं। आग ने इन परिवारों की जीवनभर की कमाई को छीन लिया है, और अब इन परिवारों को पुनर्निर्माण के लिए मदद की आवश्यकता है।
प्रशासन ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान की है। तहसीलदार सैंज, हीरालाल नलवा ने घटनास्थल का दौरा किया और प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत देने के लिए टैंट, तिरपाल और दस हजार रुपए की फौरी मदद प्रदान की। इसके अतिरिक्त, ग्राम पंचायत प्रधान विमला देवी ने सरकार से मांग की है कि प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे इस कठिन समय से उबर सकें और अपने जीवन को पुनः सामान्य बना सकें।