Edited By Jyoti M, Updated: 05 Jul, 2025 11:07 AM
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज क्षेत्र में बादल फटने से मची भीषण तबाही के बाद राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) के साथ अब भारतीय सेना ने भी मोर्चा संभाल...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज क्षेत्र में बादल फटने से मची भीषण तबाही के बाद राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) के साथ अब भारतीय सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सके। बीते पांच दिनों से देश-दुनिया से कटे सराज के कई दुर्गम इलाकों से बचाव दल ने सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
थुनाग और जंजैहली में भारी नुकसान:
शुक्रवार को बचाव दल ने थुनाग के डेजी गांव से 65 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। थुनाग के साथ-साथ जंजैहली क्षेत्र में भी भारी नुकसान हुआ है। बादल फटने और भूस्खलन के कारण कई सड़कें बह गई हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। इसके अलावा, कई घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं, जिससे सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि मलबे में दबे या बाढ़ में बहे लोगों का पता लगाया जा सके।
मुख्यमंत्री का बड़ा ऐलान:
इस विकट स्थिति के बीच, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रभावितों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं और वे किराये के मकान में रहना चाहते हैं, उन्हें सरकार प्रति माह 5,000 रुपये का किराया देगी। इसके साथ ही, प्रभावित क्षेत्रों में निशुल्क राशन भी पहुंचाया जा रहा है ताकि लोगों को खाने-पीने की समस्या का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मौसम साफ होते ही सेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से मंडी के प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी।
शवों की बरामदगी और सड़क बहाली का कार्य:
इसी बीच, शुक्रवार को स्यांज के पंगलियुर से लापता एक महिला का शव बरामद कर लिया गया है। कांगड़ा के देहरा में मिले इस शव की पहचान पंगलियुर निवासी पार्वती देवी के रूप में हुई है, जिससे क्षेत्र में शोक का माहौल है। थुनाग और जंजैहली तक सड़क कनेक्टिविटी बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य जारी है। जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से मलबे को हटाया जा रहा है, ताकि राहत सामग्री और बचाव दलों को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने में आसानी हो। खड्डों में और मलबे से अटे घरों में अभी भी दबे लोगों की तलाश की जा रही है।
राहत सामग्री की खेप पहुंची:
शुक्रवार को सराज क्षेत्र में हेलीकॉप्टर के जरिए राशन की एक बड़ी खेप पहुंचाई गई। इस खेप में राशन की 40 किट, 20 तिरपाल, पानी की 120 बोतलें, दो बॉक्स दवाएं और कपड़े शामिल थे, जो तत्काल जरूरत वाले लोगों तक पहुंचाए गए।
केंद्र से मदद और अध्ययन की जरूरत:
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को प्रदेश में बादल फटने और भारी बारिश से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी दी है। गृहमंत्री ने हिमाचल को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, नुकसान का आकलन करने के लिए एक केंद्रीय टीम भी हिमाचल आ रही है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि इस मानसून सीजन में अकेले मंडी जिले में ही बादल फटने की 14 घटनाएं हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि बादल फटने की इतनी अधिक घटनाएं क्यों हो रही हैं, इसका अध्ययन करने की आवश्यकता है, जिस पर उन्होंने गृहमंत्री से भी चर्चा की है।
मंडी के अन्य प्रभावित क्षेत्र:
मुख्यमंत्री ने सचिवालय में बातचीत करते हुए बताया कि बादल फटने से मंडी जिले के सराज के अलावा धर्मपुर, करसोग और सैंज क्षेत्र में भी लोगों के घरों समेत कृषि भूमि को व्यापक नुकसान पहुंचा है। सरकार इन सभी प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को हरसंभव मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।