Edited By Jyoti M, Updated: 19 Aug, 2025 10:11 AM

मंडी जिले की दुर्गम चौहारघाटी में सोमवार की रात और मंगलवार सुबह को हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। इस आपदा में जान का कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन करोड़ों की संपत्ति बह गई है। सबसे ज़्यादा नुकसान शिल्हबुधाणी और तरस्वाण पंचायतों में हुआ है।...
हिमाचल डेस्क। मंडी जिले की दुर्गम चौहारघाटी में सोमवार की रात और मंगलवार सुबह को हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। इस आपदा में जान का कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन करोड़ों की संपत्ति बह गई है।
सबसे ज़्यादा नुकसान शिल्हबुधाणी और तरस्वाण पंचायतों में हुआ है। बारिश के बाद नालों में आए तेज़ उफान से 6 फ़ीट चौड़ा पुल, एक गाड़ी और एक दुकान पूरी तरह से बह गए हैं। इसके अलावा, किसानों की सैकड़ों बीघा फसलें भी पानी के तेज़ बहाव की भेंट चढ़ गईं, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है। इस विनाशकारी मंजर ने क्षेत्र के किसानों और बागवानों की करोड़ों की कमाई बर्बाद कर दी है।
शिल्हबुधाणी के प्रधान प्रेम सिंह और तरस्वण के प्रधान जय सिंह ने बताया कि लोग रात भर डर के साये में रहे। जैसे ही नालों का पानी तेज़ी से बढ़ा, लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित जगहों पर चले गए। सुबह जब वे वापस आए, तो सब कुछ तबाह हो चुका था।
इस घटना की जानकारी मिलते ही, पधर के एसडीएम सुरजीत सिंह, लोक निर्माण विभाग के एसडीओ भगत राम यादव और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर पहुँचीं। उन्होंने नुकसान का जायजा लिया और तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया। एसडीएम सुरजीत सिंह ने घाटी के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया, ताकि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। प्रशासन का कहना है कि वे नुकसान का सही अनुमान लगाकर प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत पहुँचाने की कोशिश करेंगे।