Edited By Jyoti M, Updated: 07 Dec, 2025 04:35 PM

पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित नूरपुर शहर का चौगान बाजार देर रात एक बड़े हादसे की दहलीज पर पहुँच गया था। रात के समय, जब अधिकांश बाज़ार बंद हो चुका था और कुछ दुकानदार अपना कारोबार समेट रहे थे, तभी अचानक एक बर्तन की दुकान में आग की लपटें...
हिमाचल डेस्क। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित नूरपुर शहर का चौगान बाजार देर रात एक बड़े हादसे की दहलीज पर पहुँच गया था। रात के समय, जब अधिकांश बाज़ार बंद हो चुका था और कुछ दुकानदार अपना कारोबार समेट रहे थे, तभी अचानक एक बर्तन की दुकान में आग की लपटें दिखाई दीं, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
पड़ोसियों की बहादुरी ने रोका आग का फैलाव
यह सौभाग्य रहा कि उस वक्त बाज़ार पूरी तरह से खाली नहीं हुआ था। पास की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति की नज़र दुकान से निकलते धुएँ पर पड़ी। उनके तुरंत शोर मचाने पर आसपास के निवासी और दुकानदार मौके पर इकट्ठा हो गए। बिना किसी देरी के, उन्होंने पास के एक कुएँ से तुरंत पानी लाकर आग बुझाने का काम शुरू कर दिया। इस त्वरित और सामूहिक प्रयास का परिणाम यह रहा कि दमकल की गाड़ी आने से पहले ही आग पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया।
आग की चपेट में आ सकते थे पटाख़े और फ़र्नीचर
यह घटना कितनी खतरनाक हो सकती थी, इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस बर्तनों के स्टोर में आग लगी थी, उसके ठीक एक तरफ़ की दुकान में पटाखों का स्टॉक रखा हुआ था, और दूसरी तरफ़ फ़र्नीचर का एक विशाल शोरूम था। यदि स्थानीय लोगों ने समय पर मोर्चा नहीं संभाला होता और आग तेज़ी से फैल जाती, तो पूरे बाज़ार में एक भयानक आपदा घटित हो सकती थी।
लाखों का नुकसान, कारण अज्ञात
घटना के समय बर्तनों की दुकान के मालिक, मनु मेहरा, कुछ ज़रूरी सामान लेने के लिए पठानकोट गए हुए थे। उन्हें फ़ोन पर उनके पड़ोसियों द्वारा आग लगने की सूचना दी गई। इस अग्निकांड के पीछे की सटीक वजह अभी तक पता नहीं चल पाई है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दुकानदार को लगभग 1 लाख से 1.5 लाख रुपये तक का आर्थिक नुकसान होने की आशंका है।