Edited By Vijay, Updated: 18 Jul, 2023 11:59 PM

प्रदेश हाईकोर्ट ने नैशनल हाईवे के लिए 3 वर्ष पूर्व अधिगृहीत की गई भूमि का मुआवजा प्रार्थियों को तुरंत जारी करने के आदेश जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने भाग सिंह व अन्यों द्वारा दायर याचिका की...
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने नैशनल हाईवे के लिए 3 वर्ष पूर्व अधिगृहीत की गई भूमि का मुआवजा प्रार्थियों को तुरंत जारी करने के आदेश जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने भाग सिंह व अन्यों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान ये आदेश पारित किए। याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार प्रार्थियों की 12 बीघा 6 बिस्वा भूमि को नैशनल हाईवे के लिए अधिगृहीत किया गया था।
23 मार्च, 2019 को भूमि का अधिग्रहण करने के पश्चात अवार्ड पारित किया गया। 6 जनवरी, 2020 को भूमि लोक निर्माण विभाग के नाम हो गई। प्रार्थियों ने मुआवजे की राशि का भुगतान करने के लिए आवेदन दाखिल किया तो प्रार्थियों को यह बताया गया कि उन्हें नैशनल हाईवे अथॉरिटी की ओर से राशि का भुगतान नहीं किया गया है, जिस कारण वह प्रार्थियों को मुआवजे का भुगतान करने में असमर्थ हैं।
प्रार्थियों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से 2 मार्च, 2022 को लीगल नोटिस भी भेजा मगर उसके बावजूद भी मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया। प्रार्थियों के अनुसार उन्हें अवार्ड के तहत लगभग 3 करोड़ 19 लाख रुपए का भुगतान किया जाना है। प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों को ये आदेश जारी किए कि वे मुआवजा राशि का भुगतान एक सप्ताह भू-अधिग्रहण अधिनियम के तहत ब्याज सहित कर दें। मामले पर सुनवाई 25 जुलाई को निर्धारित की गई है।
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