Edited By Vijay, Updated: 25 Jul, 2025 11:08 AM

राजधानी शिमला के भट्टाकुफर क्षेत्र में हाल ही में एक साढ़े तीन मंजिला इमारत गिरने के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
शिमला (मनोहर): राजधानी शिमला के भट्टाकुफर क्षेत्र में हाल ही में एक साढ़े तीन मंजिला इमारत गिरने के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और संबंधित एजेंसियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। यह कार्रवाई उस समय शुरू हुई जब भवन की मालिक चंदा देवी ने इस घटना पर मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर मुआवजे की मांग की।
मुख्य न्यायाधीश ने पत्र पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले को गंभीरता से लिया और राज्य सरकार के मुख्य सचिव, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के परियोजना निदेशक, उपायुक्त शिमला, एसडीएम ग्रामीण शिमला तथा ग्राम पंचायत चमियाना को नोटिस जारी कर अदालत के समक्ष स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान उस निर्माण कंपनी को भी प्रतिवादी बनाया है जो शिमला बाईपास पर फोरलेन का कार्य कर रही है। कोर्ट ने "मैसर्स गावर शिमला हाईवे प्राइवेट लिमिटेड" को इसके प्रबंध निदेशक के माध्यम से नोटिस जारी किया है।
चंदा देवी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि वह भट्टाकुफर में स्थित एक साढ़े तीन मंजिला इमारत की मालिक थीं, जो हाल ही में भारी बारिश के दौरान ढह गई। उनका आरोप है कि इमारत के गिरने की मुख्य वजह राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर शकराल से ढली तक बन रहे फोरलेन प्रोजैक्ट के तहत चल रहे निर्माण कार्य हैं। उन्होंने दावा किया कि सड़क चौड़ीकरण के चलते आसपास की जमीन कमजोर हो गई थी, जिससे उनका मकान प्रभावित हुआ और अंततः गिर गया। चंदा देवी ने इस घटना के लिए सरकार और संबंधित एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उचित मुआवजा देने की मांग की है। अब इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख तय होने पर अदालत में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी जाएंगी।