कोहरे का कहर : हिमाचल में जमने लगी पानी की पाइपें, 8 शहरों का तापमान माइनस में पहुंचा

Edited By Vijay, Updated: 21 Dec, 2022 07:17 PM

havoc of fog in himachal

हिमाचल में कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू हो गई है। मैदानी इलाकों में सुबह के समय पड़ रहे कोहरे के कारण प्रदेश में सुबह और शाम के समय भारी ठंड पड़ने लगी है। स्थिति यह है कि प्रदेश के 8 शहरों में पारा माइनस में पहुंच गया है। वहीं सभी जगहों पर न्यूनतम...

शिमला (राजेश): हिमाचल में कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू हो गई है। मैदानी इलाकों में सुबह के समय पड़ रहे कोहरे के कारण प्रदेश में सुबह और शाम के समय भारी ठंड पड़ने लगी है। स्थिति यह है कि प्रदेश के 8 शहरों में पारा माइनस में पहुंच गया है। वहीं सभी जगहों पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से नीचे आ गया है। हिमाचल में बर्फबारी और बारिश से पहले ही सर्दी का दौर शुरू हो गया है। नाहन को छोड़कर अन्य सभी शहरों का न्यूनतम तापमान सामान्य से 1 से 4 डिग्री सैल्सियस तक गिर गया है। लाहौल-स्पीति के कुकुमसेरी का न्यूनतम तापमान -7.9 डिग्री सैल्सियस और केलांग का -7.4 डिग्री तक पहुंच गया है। मंडी के सुंदरनगर, भुंतर, कल्पा, रिकांगपिओ, सियोबाग और मनाली का तापमान भी माइनस में चला गया है। तापमान के जमाव बिंदु से नीचे गिरने की वजह से पानी की पाइपें जमना शुरू हो गई हैं। इस बीच मौसम विभाग ने 25 और 26 दिसम्बर को हल्के हिमपात का पूर्वानुमान लगाया है। इससे पहले ही प्रदेश में शीत लहर चलने लगी है। अधिक ऊंचे क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में ठंड का ज्यादा कहर देखने को मिल रहा है।

इन जिलों में कोहरे से विजिबिलिटी हो सकती है कम
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के मैदानी इलाकों के लिए शीत लहर और घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश के मैदानी जिलों बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा में दोपहर तक कोहरे के कारण विजिबिलिटी 50 मीटर तक कम हो सकती है। इसे देखते हुए चालकों को सावधानी से गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है।

बागवानों के लिए मौसम पैदा कर रहा मुश्किलें
प्रदेश में पिछले डेढ़ महीने से चल रहा ड्राई स्पैल अब किसानों व बागवानों के लिए परेशानी का कारण बना है। बागवानी में दिसम्बर माह में होने वाले सभी कार्य बारिश न होने के कारण रुके हुए हैं, जबकि गेहूं की फसल पर भी संकट मंडरा रहा है। वहीं मौसम विभाग की मानें तो आने वाले एक सप्ताह तक प्रदेश में बारिश के कोई आसार नहीं हैं। बागवानी के क्षेत्र में दिसम्बर माह सेब के पौधों में तौलिये व खाद डालने के लिए उपयुक्त माना गया है। इन दोनों स्थितियों के लिए बारिश का होना काफी आवश्यक है।

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