Edited By Jyoti M, Updated: 27 Jul, 2025 11:30 AM

हिमाचल प्रदेश की फल मंडियों में अच्छी क्वालिटी का सेब कम मात्रा में आ रहा है। इस कारण जहां अच्छी क्वालिटी के सेब को अच्छे दाम मिल रहे हैं, लेकिन जो अच्छी क्वालिटी का सेब नहीं है उसको दाम भी कम मिल रहे हैं। जिला शिमला सहित राज्य के अन्य क्षेत्रों में...
शिमला, (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश की फल मंडियों में अच्छी क्वालिटी का सेब कम मात्रा में आ रहा है। इस कारण जहां अच्छी क्वालिटी के सेब को अच्छे दाम मिल रहे हैं, लेकिन जो अच्छी क्वालिटी का सेब नहीं है उसको दाम भी कम मिल रहे हैं। जिला शिमला सहित राज्य के अन्य क्षेत्रों में सेब सीजन ने रफ्तार पकड़ ली है। लेकिन राज्य में लगातार हो रही बारिश होने तथा धूप नहीं आने के कारण सेब की क्वालिटी नहीं बन पाई है।
इसके अलावा कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि से भी नुक्सान हुआ है। इस कारण भी सेब की क्वालिटी नहीं हैं मंडी में अधिकांश सेब कम क्वालिटी का आने के कारण रेट भी कम मिल रहे हैं। अच्छी क्वालिटी के सेब की पेटी औसतन 2500 से 3 हजार में बिक रही है। वहीं सेब व नाशपाती के दाम में गिरावट भी आई है। नाशपाती के दाम में 100 से 200 रुपए तथा रैड गोल्डन वैरायटी के सेब में 200 से 500 रुपए प्रति पेटी के दाम में गिरावट आई है। उधर, कारोबारियों ने बागवानों से कच्चे व हरे सेब मंडी में नहीं लाने की अपील की है।
आढ़ती एसोसिएशन शिमला के प्रधान प्रताप चौहान ने कहा कि कच्चे व हरे सेब के मंडी में आने से दाम में असर पड़ता है तथा दाम कम हो जाते हैं। उधर माह का अंतिम शनिवार होने के कारण 26 जुलाई को भट्टाकुफर फल मंडी बंद रही, जबकि जिले की अन्य मंडियों में कारोबार हुआ।