मंडी : देव पराशर ऋषि की वार्षिक जाग में अगली शिवरात्रि तक देवताओं ने प्रदान किया सुरक्षा कवच

Edited By Vijay, Updated: 24 Feb, 2023 11:22 PM

gods provided protection till next shivratri

राज बेहड़े में शुक्रवार को पराशर ऋषि की वार्षिक जाग आयोजित की गई, जिसमें शुकदेव ऋषि (डकांडू), श्रीगणपति (जलौनी), श्रीतुंगा माता (तुंगा) व श्री मार्कंडेय ऋषि (थलौट) ने अगली शिवरात्रि तक सुरक्षा कवच प्रदान किया।

मंडी (अनिल): राज बेहड़े में शुक्रवार को पराशर ऋषि की वार्षिक जाग आयोजित की गई, जिसमें शुकदेव ऋषि (डकांडू), श्रीगणपति (जलौनी), श्रीतुंगा माता (तुंगा) व श्री मार्कंडेय ऋषि (थलौट) ने अगली शिवरात्रि तक सुरक्षा कवच प्रदान किया। बता दें कि पराशर ऋषि राजकुल के देवता हैं और इस जाग का आयोजन सदियों पहले से किया जा रहा है। राजतंत्र के समय यह जाग राजा के आग्रह पर देव पराशर ऋषि ने आरंभ की थी क्योंकि राजा चाहते थे कि मंडी रियासत के लोग सुखी व समृद्ध रहें। गणपति के पुजारी वेद राम ने बताया कि पांचों देवता इस महायज्ञ को संपन्न करवाते हैं और यह वार्षिक जाग मंडी वासियों सहित संपूर्ण क्षेत्र के लिए अगले वर्ष की शिवरात्रि तक सुरक्षा की गारंटी है और आधी-व्याधि से लोगों की रक्षा होती है। हर प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है और देवता सुरक्षा कवच का आशीर्वाद देते हैं। इस जाग में वही देवता शामिल होते हैं, जिन्हें श्रीराज माधेराय अपने साथ पड्डल मैदान तक ले जाते हैं। गौर हो कि यही पांचों देवता श्रीराज माधेराय की पालकी के साथ जलेब में चलते हैं।

वाद्ययुत्रों की धुनों पर नृत्य करते हैं गुर
पराशर ऋषि की जाग में यज्ञ की तरह अग्नि प्रज्वलित की जाती है और इस मौके पर पांचों देवता उपस्थित होते हैं। सबसे पहले पराशर ऋषि के गुर वाद्ययुत्रों की धुनों पर नृत्य करते हैं और इसके उपरांत सभी देवताओं के गुर और पुजारी इसमें भाग लेते हैं।

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