Edited By Vijay, Updated: 09 Aug, 2023 06:10 PM
देवभूमि हिमाचल में मंदिरों में दर्शन करने के लिए अब 1100 रुपए चुकाने होंगे जो देव आस्था के साथ भक्तों के साथ किया जाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। सरकार के इस निर्णय का भाजपा पूरी तरह से विरोध करती है। पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने सरकार के इस...
चिंतपूर्णी (सुनील): देवभूमि हिमाचल में मंदिरों में दर्शन करने के लिए अब 1100 रुपए चुकाने होंगे जो देव आस्था के साथ भक्तों के साथ किया जाने वाला दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। सरकार के इस निर्णय का भाजपा पूरी तरह से विरोध करती है। पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर ने सरकार के इस निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए सरकार से तुरंत इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 97 प्रतिशत हिन्दू आबादी वाली विचारधारा को हरा कर सरकार बनाने का नारा देने वाले मुख्यमंत्री जो व्यवस्था परिवर्तन की बात हर मंच से करते हैं, उनसे मेरा प्रश्न है कि ये कौन-सा व्यवस्था परिवर्तन है जहां लोगों को मंदिर में दर्शन करने के लिए भी शुल्क चुकाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी 10 गारंटियों को पूरा करने के लिए मंदिर शुल्क के माध्यम से पैसा एकत्रित करने का प्रयास कर रही है।
जनता की आस्था से खिलवाड़ नहीं होगा सहन
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, इसका अर्थ यह नहीं कि सरकार एस तरह के फैसले लेकर लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करे। उन्होंने कहा कि सरकार जरा दूसरे धर्मस्थलों पर भी इस तरह के शुल्क लगा कर बताए। मंदिर दर्शन के लिए जिस फार्मूला को प्रदेश सरकार ने बनाया है जिसके अनुसार 500 लोगों को पास दिए जाएंगे व अन्य वीआईपी लोगों के लिए ये दर्शन मुफ्त रहेंगे।
सीएम से पूछा सवाल-वीआईपी की कैटेगरी में कौन आता है?
बिक्रम ठाकुर ने सीएम सुखविंदर सिंह से पूछा कि वीआईपी की कैटेगरी में कौन आता है? वे स्थानीय जनता जो वहां की ही है, वे किस प्रकार दर्शन का लाभ ले पाएगी जबकि 2500 लोगों के साथ-साथ तथाकथित गण्यमान्य प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही सुविधा से दर्शन कर रहे होंगे। क्या वे मात्र वहां लाइनों में खड़े होने जाएंगे जबकि जिनसे शुल्क लिया गया है वे प्राथमिकता के आधार पर दर्शन कर सकेंगे।
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