Edited By Vijay, Updated: 12 Jul, 2025 04:37 PM

सराज घाटी के थुनाग बाजार में आई हालिया प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को हिला कर रख दिया है। देजी खड्ड के रुख मोड़ने और तीन खतरनाक नालों तांदी, घुमराला और खमरार के उफान में आने से पूरा बाजार तबाही की चपेट में आ गया।
थुनाग (ख्यालीराम): सराज घाटी के थुनाग बाजार में आई हालिया प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को हिला कर रख दिया है। देजी खड्ड के रुख मोड़ने और तीन खतरनाक नालों तांदी, घुमराला और खमरार के उफान में आने से पूरा बाजार तबाही की चपेट में आ गया। नतीजा ये रहा कि बाजार की 120 से ज्यादा दुकानें या तो पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं या मलबे और गाद में समा गई हैं। व्यापारियों का कहना है कि बाजार को 15 से 20 करोड़ रुपए तक का नुक्सान हुआ है। कई दुकानों का तो नामोनिशान तक मिट गया है, वहीं बाकी दर्जनों दुकानों में सिर्फ गाद और टूटी उम्मीदें बची हैं। लाखों रुपए का सामान बर्बाद हो गया और कई व्यापारियों का कीमती स्टॉक बह कर कहीं गुम हो गया।

न दुकान है, न सामान और न ही उम्मीद की कोई किरण
सबसे बड़ा झटका सुनार की उस दुकान को लगा है, जिसकी सेफ में रखे करीब 60 लाख रुपए के सोने को बाढ़ अपने साथ बहा ले गई। दुकानदार गोलू का कहना है कि अब उनके पास न दुकान है, न सामान और न ही उम्मीद की कोई किरण। इसी गली में हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की शाखा भी थी, जिसे बाढ़ से नुक्सान पहुंचा है। बैंक के शटर को तो नुक्सान हुआ, लेकिन राहत की बात है कि 39 लाख रुपए से भरी सेफ सुरक्षित मानी जा रही है। बैंक में गाद घुस चुकी है, लेकिन दीवारें अभी भी सलामत हैं।
प्रभावित बाेले-13 दिन बाद भी प्रशासन से उम्मीद अधूरी
प्रभावित दुकानदारों का गुस्सा प्रशासन की उदासीनता पर फूट पड़ा है। उनका आरोप है कि 13 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक न कोई ठोस सहायता मिली है, न ही नुक्सान का सही आकलन किया गया है। व्यापार मंडल थुनाग के प्रधान शिव दयाल ठाकुर ने बताया कि कैलाश फर्नीचर हाऊस को अकेले ही 50 लाख से अधिक का नुक्सान हुआ है। हेम लता कॉस्मैटिक्स, जीवा नंद इलैक्ट्रॉनिक्स, ललित कुमार जनरल स्टोर, शीतला गणपति ज्वैलर्स, भाग सिंह बर्तन स्टोर जैसे व्यापारियों का भी लाखों में नुक्सान हुआ है। व्यापारियों और व्यापार मंडल ने मांग की है कि थुनाग बाजार के हरेक प्रभावित दुकानदार का निष्पक्ष आकलन किया जाए और उन्हें तत्काल राहत पहुंचाई जाए, ताकि वे दोबारा अपने पैरों पर खड़े हो सकें। वरना बैंक का कर्ज चुकाना और परिवार पालना दोनों नामुमकिन हो जाएंगे।
एक व्यापारी की दर्दभरी कहानी
ललित कुमार जिनकी इलैक्ट्रॉनिक्स की दुकान पूरी तरह से तबाह हो गई है, वह बताते हैं कि आपदा की रात हम परिवार के साथ घर में थे, हमें नहीं पता था कि सुबह हमारी दुकान का नामोनिशान मिट चुका होगा। तीसरे दिन जैसे-तैसे जब दुकान पहुंचा, तो शटर टूटा हुआ था और अंदर का सारा सामान या तो गाद में दब चुका था या गायब हो चुका था। उन्होंने बताया कि फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन, मोबाइल और अन्य सामान जिसकी कीमत लगभग 18 लाख रुपए थी अब उनके लिए सिर्फ एक खोई हुई पूंजी बन कर रह गई है।
क्या कहता है प्रशासन
तहसीलदार रजत सेठी ने कहा प्रशासन ने अब तक केवल 50 दुकानदारों को राहत राशि दी है और यह कहना कि प्रशासन नजरअंदाज कर रहा है, गलत है। उन्हाेंने कहा कि हमारी टीमें लगातार बाजार का दौरा कर रही हैं और मौके पर मिले नुकसान का आकलन करके रिपोर्ट तैयार कर रही हैं।