खुशखबरी : हिमाचल में कोरोना संकट के बीच नहीं बढ़ेंगी बिजली की दरें

Edited By Vijay, Updated: 06 Jun, 2020 09:10 PM

electricity rates will not go up amid corona crisis

कोरोना संकट के बीच हिमाचल प्रदेश में बिजली की दरों में बढ़ौतरी नहीं होगी। इससे राज्य के करीब 26 लाख घरेलू एवं व्यावसायिक उपभोक्ताओं को लाभ होगा। बिजली की नई दरें 1 जून से लागू होंगी। प्रदेश सरकार ने उद्योग जगत को राहत प्रदान की है।

शिमला (ब्यूरो): कोरोना संकट के बीच हिमाचल प्रदेश में बिजली की दरों में बढ़ौतरी नहीं होगी। इससे राज्य के करीब 26 लाख घरेलू एवं व्यावसायिक उपभोक्ताओं को लाभ होगा। बिजली की नई दरें 1 जून से लागू होंगी। प्रदेश सरकार ने उद्योग जगत को राहत प्रदान की है। विशेषकर राज्य में पहली जून के बाद उत्पादन शुरू करने वाली औद्योगिक इकाइयों को विद्युत दर में 10 फीसदी रियायत मिलेगी। यह छूट 3 साल के लिए रहेगी। इसी तरह से विस्तार करने वाली औद्योगिक इकाइयों को भी रियायत मिलेगी। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग की तरफ से वर्ष 2020-21 के लिए ये दरें तय की गईं। आयोग ने हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड को सालाना खर्च के लिए 5384.14 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं, साथ ही कोविड-19 के लिए भी 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

बिजली बोर्ड ने 8.5 फीसदी बढ़ौतरी को लेकर दायर की थी याचिका

इससे पहले बिजली बोर्ड की तरफ से मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बिजली की दरों में 8.5 फीसदी बढ़ौतरी को लेकर याचिका दायर की थी। आयोग के अध्यक्ष एसकेबीएस नेगी ने सभी पक्षों को सुनने के बाद नई दरों की घोषणा की। आयोग ने बिजली बोर्ड को राहत देते हुए सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड को बोर्ड की तरफ से देय 159 करोड़ रुपए का प्रावधान भी नए आदेशों में किया है। इसी तरह विलंब शुल्क सरचार्ज को 2 फीसदी से कम कर डेढ़ फीसदी करने के आदेश दिए हैं।

हिमाचल में घरेलू उपभोक्ता बिजली दरों का टैरिफ प्लान

 स्लैब (यूनिट)  अब (रुपए)   सरकारी सबसिडी
 0-60  3.30  1.00 रुपए प्रति यूनिट
 0-125  3.95  1.55 रुपए प्रति यूनिट
 126-300  4.85  2.95 रुपए प्रति यूनिट
 300 से ज्यादा  5.45   4.40 रुपए प्रति यूनिट
 प्रीपेड उपभोक्ता  4.85  2.95 रुपए प्रति यूनिट

नॉन डोमैस्टिक व नॉन कमर्शियल टैरिफ

आयोग के अनुसार नॉन डोमैस्टिक, नॉन कमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ 5 रुपए प्रति यूनिट के साथ 130 रुपए फिकस्ड चाजिज होंगे। इसी तरह 20 केवी से ज्यादा खर्च करने वालों को 4.70 रुपए प्रति यूनिट का टैरिफ होगा। उद्योगों के लिए 220 केवी से ऊपर 4.20 रुपए प्रति यूनिट, 132 केवी पर 4.25 रुपए, 66 केवी पर 4.30 रुपए, एचटी-1 पर 4.60 रुपए और एचटी-2 पर 4.35 रुपए प्रति यूनिट की दर तय की गई है।

बाहरी राज्यों को सीधे बिजली बेचने पर चार्ज बढ़े

आयोग ने बाहरी राज्यों को सीधे बिजली बेचने वाले पावर प्रोजैक्टों के व्हीलिंग चार्ज बढ़ाए हैं। हालांकि 66 केवी पर 27 पैसे प्रति यूनिट चार्ज को कम करके 26 पैसे प्रति यूनिट किया गया है, लेकिन 33 केवी लाइन पर 63 पैसे से 64 पैसे प्रति यूनिट चार्ज बढ़ाया है। इसी तरह 132 केवी लाइन का प्रयोग करने वालों को 132 पैसे प्रति यूनिट के स्थान पर अब 144 पैसे प्रति यूनिट चार्ज देना होगा।

बोर्ड के संचालन, रखरखाव व खर्चों पर उठाए सवाल

विद्युत नियामक आयोग ने बोर्ड के संचालन एवं रखरखाव के खर्चों को अन्य राज्यों की तुलना में अधिक होने पर सवाल उठाए हैं। इस कारण कर्मचारी व पैंशन की अधिक लागत को दर्शाया गया है। इसके लिए आयोग ने बोर्ड के कामकाज में सुधार योजना लागू करने को कहा है। इसी तरह कर्मचारी लागत कम करने को तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों को आऊटसोर्स करने व पैंशन खर्च का मामला सरकार के समक्ष उठाने को कहा है। बोर्ड में डाऊटफुल इंटीग्रीटी यानी ओडीआई श्रेणी में आने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की पहचान कर इससे संबंधित योजना तैयार कर आयोग के समक्ष 2 माह में प्रस्तुत करने को कहा गया है।

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