Edited By Jyoti M, Updated: 27 Jan, 2025 12:38 PM
हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक संस्कृति के साथ यहां के व्यंजन भी बेहद खास हैं। यहां के कुछ व्यंजन न केवल स्थानीय लोगों की पसंद हैं, बल्कि पर्यटकों को भी इनका स्वाद हमेशा याद रहता है। सिड्डू, हिमाचल का सबसे लोकप्रिय व्यंजन, ऊपरी जिलों में खूब बनाया जाता...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक संस्कृति के साथ यहां के व्यंजन भी बेहद खास हैं। यहां के कुछ व्यंजन न केवल स्थानीय लोगों की पसंद हैं, बल्कि पर्यटकों को भी इनका स्वाद हमेशा याद रहता है।
सिड्डू, हिमाचल का सबसे लोकप्रिय व्यंजन, ऊपरी जिलों में खूब बनाया जाता है। आटे की रोटी में तरह-तरह की स्टफिंग भरकर इसे स्टीम किया जाता है। घी और हरी चटनी के साथ परोसा जाने वाला यह व्यंजन हर किसी का दिल जीत लेता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पसंदीदा सेपु बड़ी मंडयाली धाम का हिस्सा है। सेपु बड़ी को बनाने के लिए माह और मूंगी की दाल के मिश्रण को भिगोने के बाद पीसा जाता है. इसके बाद छोटे टुकड़ों को काट कर फ्राई किया जाता है और सामान्य तड़का लगाया जाता है.
बिच्छू बूटी नाम सुनते ही लोगों को झनझनाहट का अहसास होता है, लेकिन सिरमौर और शिमला में इसका स्वादिष्ट साग बनाया जाता है। इसे मक्की की रोटी या पटांडे के साथ खाया जाता है।
हिमाचल का जिला कांगड़ा जहां शक्तिपीठों के लिए जाना जाता है, तो वहीं अपनी धाम के लिए भी बहुत मशहूर है। हिमाचल के सबसे स्वादिष्ट व्यंजनों में से एक चने का मदरा भी इसी कांगड़ी धाम का महत्वपूर्ण व्यंजन है। सफेद चने को अलग प्रकार से हल्के खट्टे स्वाद में बनाया जाता है, जिसे चावल के साथ भरोसा जाता है। इसके अलावा भी कांगड़ी धाम में कई व्यंजनों को परोसा जाता है।
किंब चाट सर्दियों के मौसम में खूब पसंद की जाती है। किंब के फल में मसाले और पुदीना-धनिया की चटनी मिलाकर इसे तैयार किया जाता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
चंबा की प्रसिद्ध चंबयाली धाम में राजमा का मदरा सबसे खास व्यंजन है। इस व्यंजन का लोकप्रिय अभिनेत्री यामी गौतम ने भी जिक्र किया था, जिसके बाद यह और मशहूर हो गया।
किन्नौर का अनूठा स्वाद नमकीन जलेबी और नमकीन चाय में दिखता है। नमकीन जलेबी ओगले के आटे और कसूरी मेथी से बनती है। वहीं, नमकीन चाय में अखरोट का पेस्ट, काला जीरा और बटर मिलाकर इसे खास बनाया जाता है।
हिमाचल के यह पारंपरिक व्यंजन न केवल क्षेत्रीय पहचान हैं, बल्कि यहां की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाते हैं। हिमाचल की यात्रा बिना इन स्वादों के अधूरी है।