Edited By Vijay, Updated: 23 Apr, 2025 02:25 PM

भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में मतदान प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस पार्टी की तरफ से लगाए गए आरोपों का तथ्यों के आधार पर खंडन करते हुए कहा है कि चुनाव पूरी पारदर्शिता और कानून के तहत संपन्न कराए गए थे।
हिमाचल डैस्क: भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में मतदान प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस पार्टी की तरफ से लगाए गए आरोपों का तथ्यों के आधार पर खंडन करते हुए कहा है कि चुनाव पूरी पारदर्शिता और कानून के तहत संपन्न कराए गए थे।
2 घंटों में 65 लाख वोट डाले गए
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान 6,40,87,588 मतदाताओं ने सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान किया। औसतन प्रति घंटे 58 लाख वोट पड़े, ऐसे में अंतिम दो घंटों में 116 लाख वोट भी पड़ सकते थे। इसके मुकाबले 65 लाख वोट का पड़ना औसत से काफी कम है, जो यह दर्शाता है कि कोई असामान्यता नहीं हुई।
किसी एजैंट ने आपत्ति नहीं जताई
हर मतदान केंद्र पर राजनीतिक दलों के अधिकृत एजैंट उपस्थित थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नामित उम्मीदवारों या उनके अधिकृत प्रतिनिधियों ने मतगणना के अगले दिन रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव पर्यवेक्षकों के समक्ष जांच के समय किसी भी प्रकार के असामान्य मतदान को लेकर कोई ठोस आरोप नहीं लगाए।
मतदाता सूची कानून के अनुसार तैयार
भारत में मतदाता सूची 'जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950' और 'मतदाता पंजीकरण नियम, 1960' के तहत तैयार की जाती है। सभी राजनीतिक दलों को अंतिम मतदाता सूची की प्रतियां उपलब्ध कराई जाती हैं। कांग्रेस पार्टी को भी ये सूची समय पर सौंपी गई थी।
मतदाता सूची को लेकर किसी राजनीतिक दल ने नहीं जताई आपत्ति
9,77,90,752 मतदाताओं की सूची में केवल 89 अपीलें ज़िलाधिकारी के पास और 1 अपील मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास दाखिल हुई। यह दर्शाता है कि चुनाव से पहले मतदाता सूची को लेकर किसी राजनीतिक दल ने गंभीर आपत्ति नहीं जताई।
मतदाता सूची में धांधली के 75 प्रतिशत आरोप आधारहीन
राज्य के 1,00,427 मतदान केंद्रों पर 97,325 बूथ लेवल अधिकारी और 1,03,727 राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजैंट नियुक्त किए गए थे, जिनमें कांग्रेस के 27,099 एजैंट भी शामिल थे। इसलिए मतदाता सूची में धांधली के 75 प्रतिशत आरोप आधारहीन और कानून की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले हैं।
निर्वाचन आयोग ने पहले ही दिया था जवाब
निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस को 24 दिसंबर 2024 को ही इन सभी बिंदुओं पर स्पष्ट जवाब दे दिया था, जो निर्वाचन आयोग की वैबसाइट पर उपलब्ध है। फिर भी बार-बार यही मुद्दे उठाए जा रहे हैं जो दुर्भावनापूर्ण प्रतीत होते हैं।
पूरी पारदर्शिता और कानून के तहत कराए जाते हैं चुनाव
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव पूरी पारदर्शिता और कानून के तहत कराए जाते हैं। मतदान से लेकर मतगणना तक हर चरण में राजनीतिक दलों के अधिकृत प्रतिनिधि मौजूद रहते हैं। किसी भी प्रकार की झूठी जानकारी फैलाना न केवल कानून का अपमान है, बल्कि लाखों चुनाव कर्मियों का भी मनोबल तोड़ता है। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि जब जनादेश प्रतिकूल आता है, तब आयोग को निशाना बनाना पूरी तरह अनुचित और निराधार है।
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