Edited By Vijay, Updated: 10 Jul, 2025 10:45 PM

आपदा ने अनाह पंचायत के 11 बच्चों की जिंदगी बदल दी है। बाढ़ की वजह से इनके घर बह गए हैं, जिसके चलते इन्हें जल शक्ति विभाग के कुटीर बाड़ा राहत शिविर में शरण लेनी पड़ी है।
गोहर (ख्यालीराम): आपदा ने अनाह पंचायत के 11 बच्चों की जिंदगी बदल दी है। बाढ़ की वजह से इनके घर बह गए हैं, जिसके चलते इन्हें जल शक्ति विभाग के कुटीर बाड़ा राहत शिविर में शरण लेनी पड़ी है। माता-पिता अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित हैं और वे चाहते हैं कि उनके बच्चे फिर से स्कूल जाएं और अपनी शिक्षा पूरी करें, लेकिन राहत शिविर में रहने की स्थिति में यह संभव नहीं हो पा रहा है। पंचायत प्रधान अनाह तारा चंद ने कहा कि 30 जून को हुई भारी बारिश और बादल फटने से इलाके के कई परिवार बेघर हुए हैं। यहां तक कि इलाके में स्थित पीएचसी भवन भी बह गया है। बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है कि खेत को जाने के लिए 5 मिनट का रास्ते तय करने के लिए अब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पार करनी पड़ रही है।
बच्चों की शिक्षा के लिए करना होगा काम
राहत शिविर में रह रहे धनदेव, भीम सेन व नारायण आदि प्रभावितों ने कहा कि आपदा में हुए नुक्सान की भरपाई उनके वश से बाहर है। उनकी आर्थिकी का जरिया रही खेती की जमीन बह गई है, साथ ही घर भी बह गए और क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। बच्चों की शिक्षा के लिए काम करना होगा, ताकि वे फिर से अपने सपनों को पूरा कर सकें। हमें इन बच्चों की मदद करनी चाहिए और उनकी शिक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए।