Edited By Vijay, Updated: 05 Aug, 2025 05:57 PM

10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में खराब रिजल्ट देने के मामले में शिक्षा विभाग ने नए नियम जारी किए हैं। इसके तहत अब ऐसे शिक्षकों पर ही कार्रवाई की जाएगी, जिन्हें बोर्ड परीक्षा से 9 महीने पहले स्कूल में तैनाती मिली थी और उनका बोर्ड रिजल्ट खराब आया...
शिमला (प्रीति): 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में खराब रिजल्ट देने के मामले में शिक्षा विभाग ने नए नियम जारी किए हैं। इसके तहत अब ऐसे शिक्षकों पर ही कार्रवाई की जाएगी, जिन्हें बोर्ड परीक्षा से 9 महीने पहले स्कूल में तैनाती मिली थी और उनका बोर्ड रिजल्ट खराब आया है। इन शिक्षकों की इंक्रीमैंट रोकी जाएगी। वहीं फाइनल परीक्षा के दो या तीन माह पहले तैनात हुए शिक्षक, जिनका बोर्ड रिजल्ट खराब आया है, उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इन नए नियमों से जिला शिक्षा उपनिदेशकों को भी अवगत करवा दिया है। ऐसे में अब इसी के मुताबिक शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले सरकार ने बोर्ड का 25 फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले सभी शिक्षकों पर कार्रवाई के आदेश जारी किए थे, लेकिन अब इसमें शिक्षकों को छूट दी गई है। इस दौरान 10वीं व 12वीं की वार्षिक परीक्षाओं में खराब रिजल्ट देने वाले 320 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। जिला शिक्षा उपनिदेशकों के माध्यम से संबंधित शिक्षकों को यह नोटिस दिए गए थे। इसमें 150 शिक्षक व 50 प्रधानाचार्य शामिल हैं। इसके साथ ही इस सूची में 50 फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले शिक्षक भी शामिल हैं।
स्कूल शिक्षा निदेशालय ने नोटिस जारी कर शिक्षकों से जवाब मांगा है। जवाब आने पर आगामी कार्रवाई होगी। जानकारी के अनुसार अभी इस मामले में कुछेक शिक्षकों ने ही नोटिस का जवाब भेजा है। निदेशालय ने इसी हफ्ते शिक्षकों को नोटिस का जवाब देने को कहा है। यदि किसी शिक्षक ने नोटिस का जवाब नहीं दिया, तो उन्हें दोबारा अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिलेगा।