Edited By Vijay, Updated: 14 Sep, 2023 09:18 PM

प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दम भरने वाली सरकारों के दावे तब हवा-हवाई हो जाते हैं जब ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों के बैड पर कुत्ते आराम फरमा रहे हों। जी हां, हमीरपुर जिले में भोरंज सिविल अस्पताल में...
हमीरपुर (राजीव): प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दम भरने वाली सरकारों के दावे तब हवा-हवाई हो जाते हैं जब ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों के बैड पर कुत्ते आराम फरमा रहे हों। जी हां, हमीरपुर जिले में भोरंज सिविल अस्पताल में मरीजों के बैड पर रात को कुत्ते सोते हैं। भोरंज अस्पताल में लगे आपातकालीन चिकित्सा के बैड पर 13 सितम्बर की सुबह करीब सवा 3 बजे एक कुत्ता आराम कर रहा था, तो अस्पताल में मौजूद किसी ने उस बैड पर सोए हुए कुत्ते का फोटो खींच लिया और उसे वायरल भी कर दिया। फिर क्या था वायरल फोटो पर सोशल मीडिया में प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की खूब पोल खुली।
क्या बोले लोग
कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि प्रदेश में यूं तो सरकार कई जगह मेडिकल काॅलेज खोल रही है और ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचसी को सिविल अस्पताल का दर्जा देकर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दम भर रही है लेकिन इनमें डाॅक्टरों की कमी और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के चलते ये सिविल अस्पताल सफेद हाथी और रैफरल अस्पताल बने हुए हैं। यही कारण है कि इन अस्पतालों में मरीजों के बैडों पर कुत्ते आराम करते हैं। वहीं दूसरी तरफ हमीरपुर मेडिकल काॅलेज में मरीजों की तादाद ज्यादा होने से एक-एक बैड पर 2-2 मरीजों का इलाज हो रहा है। यानि अस्पतालों का भव्य भवन बनाने या दर्जा बढ़ाने से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं होतीं बल्कि इसके लिए सारा स्वास्थ्य ढांचा विकसित करने की जरूरत है ताकि मरीजों को दूसरे जिला व राज्य में इलाज के लिए न जाना पड़े।
अस्पताल में न गेट और न ही सिक्योरिटी : बीएमओ
उधर, भोरंज सिविल अस्पताल के बीएमओ डाॅ. ललित कालिया का कहना है कि आपातकालीन चिकित्सा बैड अस्पताल के बरामदे में लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि अस्पताल पुराने भवन में चल रहा है तथा अस्पताल में गेट नहीं है व अस्पताल में सिक्योरिटी न होने से रात को कुत्ते झुंडों में आ जाते हैं। इसलिए कई बार कुत्ते बैड पर भी सो जाते हैं। उन्होंने बताया कि कई बार तो डाॅक्टरों को भी ड्यूटी देना मुश्किल हो जाता है क्योंकि कुत्ते झुंडों में हमला करते हैं। उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों को सिक्योरिटी के लिए लिखा है।
क्या कहते हैं सीएमओ
सीएमओ डाॅ. आरके अग्निहोत्री का कहना है कि जिले में किसी भी सिविल अस्पताल में सिक्योरिटी की व्यवस्था नहीं है तथा इसके लिए उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है। उन्होंने बताया कि भोरंज अस्पताल का नया भवन बनकर तैयार हो गया है तथा अब अस्पताल वहां शिफ्ट कर दिया जाएगा।
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