Edited By Kuldeep, Updated: 21 Dec, 2024 10:25 PM
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में वन भूमि पर कोई पंजीकृत होटल नहीं है। विभाग द्वारा होटल का पंजीकरण हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास और रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 2002 व हिमाचल प्रदेश पर्यटन वाणिज्य नियम 2012 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत...
धर्मशाला (काकू): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में वन भूमि पर कोई पंजीकृत होटल नहीं है। विभाग द्वारा होटल का पंजीकरण हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास और रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 2002 व हिमाचल प्रदेश पर्यटन वाणिज्य नियम 2012 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत किया जाता है। होटल का पंजीकरण राजस्व दस्तावेज आदि की छानबीन करने के बाद ही किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूरे राज्य में अनधिकृत निर्माण को नियमित करने के लिए ऐसी कोई नीति प्रस्तावित नहीं करती है।
नियम-62 के अंतर्गत लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में केवल सिंह पठानिया ने कहा कि नड्डी, मैक्लोडगंज, शिमला, धर्मशाला, कसौली, मनाली में ऐसे कई होटल हैं जोकि कागजों के अनुसार नहीं चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई होटल ऐसे हैं जिन्होंने परमिशन तो चार से पांच होटलों की ली है, लेकिन वह 20 से ज्यादा कमरे चला रहे हैं, जिससे की सरकार को राजस्व में घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इसमें विभागों के अधिकारियों की जवाबदेही तय हो, ताकि इस तरह से अवैध रूप से होटल न चल सकें। उन्होंने यह भी कहा कि वन विभाग की जमीन पर होटल चल रहे हैं।