Edited By Ekta, Updated: 09 Sep, 2019 01:04 PM

र्मशाला उपचुनाव को लेकर चल रहे बीजेपी के मंथन के बाद पांच नाम सामने आए हैं। किशन कपूर की खाली सीट भरने को सरकार राजीव भारद्वाज को अपनी पहली पसंद मानती है या यूं कह लें कि पहली और आखिरी। क्योंकि सरकार की तरफ से किसी दूसरे नाम को नहीं सुझाया गया है।...
धर्मशाला: धर्मशाला उपचुनाव को लेकर चल रहे बीजेपी के मंथन के बाद पांच नाम सामने आए हैं। किशन कपूर की खाली सीट भरने को सरकार राजीव भारद्वाज को अपनी पहली पसंद मानती है या यूं कह लें कि पहली और आखिरी। क्योंकि सरकार की तरफ से किसी दूसरे नाम को नहीं सुझाया गया है। ये भीतर की खबर है। इसी तरह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के नेता उमेश दत्त हो संघ की पहली पसंद कहा जा सकता है। संघ ने हालांकि राजीव भरद्वाज पर भी हामी भरी है। लेकिन उमेश दत्त को लेकर सरकार ने कोई संकेत नहीं दिया है। तीसरा नाम संजय शर्मा का गया है।
चौथा विशाल नैहरिया का और पांचवां राकेश शर्मा का है। हालांकि सांसद किशन कपूर अपने बेटे के लिए टिकट चाह रहे थे और जब उनको लगा के बाजी छूट रही है तो उन्होंने मंडल को नाम तय करने का पैंतरा भी फेंका। लेकिन जिस तरह से शांता कुमार सक्रिय हुए हैं उससे धर्मशाला से उम्मीदवारी को लेकर स्थितियां रोचक बन गई हैं। अब अगर पसंद के आधार पर देखा जाये तो एक ही उम्मीदवार ऐसा है जिसपर संघ और सरकार दोनों की पसंद है। हालांकि जब ये पांच नाम दिल्ली जाएंगे तो वहां तस्वीर बदल भी सकती है। उसके दो कारण हैं। पहला जगत प्रकाश नड्डा और दूसरे अनुराग ठाकुर।
अनुराग ठाकुर धर्मशाला में पहले जैसी रूचि (क्रिकेट वाली ) लेते हैं या नहीं यह तय नहीं है, लेकिन जेपी नड्डा चूंकि अब पार्टी के टॉप लीडर हैं लिहाज़ा उनकी पसंद भी मायने रखेगी। माना जा रहा है कि जिन पांच लोगों के नाम दिल्ली भेजना तय हुआ है उनमे से एक उम्मीदवार केंद्रीय हाईकमान का ख़ास है। यानी वहां बाजी पलट भी सकती है। जब राज्य से एक से अधिक नाम गए हों तो फिर यह केंद्रीय समिति का विशेषाधिकार हो जाता है कि वह राज्य कमेटी के सुझाये गए नामों में से किसी का भी नाम फाइनल कर सकती है।