Edited By Vijay, Updated: 20 Sep, 2023 09:20 PM

देवताओं पर इस साल डायनें भारी रहींं, जिस कारण आने वाला समय प्राणी मात्र के लिए अच्छा नहीं रहेगा। अल्प मौतें, बाढ़ आना, भूकंप व जानमाल का नुक्सान जैसी घटनाएं होती रहेंगी। यह भविष्यवाणी मंडी जिले के साथ लगते तुंगल क्षेत्र के प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता...
मंडी (रजनीश): देवताओं पर इस साल डायनें भारी रहींं, जिस कारण आने वाला समय प्राणी मात्र के लिए अच्छा नहीं रहेगा। अल्प मौतें, बाढ़ आना, भूकंप व जानमाल का नुक्सान जैसी घटनाएं होती रहेंगी। यह भविष्यवाणी मंडी जिले के साथ लगते तुंगल क्षेत्र के प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता बगलामुखी मंदिर सेहली में 68वीं वार्षिक जाग में की गई। मंगलवार रात को आयोजित जाग में माता बगलामुखी मंदिर के गुर अमरजीत शर्मा ने माता के गर्भ गृह में पूजा-अर्चना की, जिसके बाद मां के आदेशानुसार पूजा पद्धति को पूर्ण किया। अर्द्ध रात्रि को माता के गूर ने अनेक प्रकार की देववाणियां करके भक्तों का मार्गदर्शन किया।
माता के गूर अमरजीत शर्मा ने बताया कि इस बार भी देवताओं और डायनों के बीच 7 युद्ध विभिन्न क्षेत्रों में हुए। पहला युद्ध समुद्र के टापू पर तथा अंतिम युद्ध घोघरधार नामक स्थान पर हुआ। गूर ने बताया कि देवी-देवता आषाढ़ महीने की शैणदेवी एकादश को युद्ध के लिए अपने स्थानों से प्रस्थान कर देते हैं। 3-3 युद्धों तक देवता व डायनें बराबरी पर थीं लेकिन अंतिम युद्ध जब बराबरी पर रहा था तो शिख पाया (राशि पाथा) घोघरधार में लगाया गया। राशि पाथा डायनियां ले गईं, जिस कारण डायनों की जीत बताई गई। इस तरह से डायनें 4 युद्धों में तथा देवता 3 स्थानों में जीते। उन्होंने बताया कि माता ने अपने भक्तों की सुरक्षा के लिए अपना क्वच आशीर्वाद प्रदान करते हुए आपदा से बचाने का आशीष दिया। बता दें कि देवता और डायनों के बीच युद्ध की भविष्यवाणी कुछ मंदिरों में की जाती है, जिनमें बगलामुखी मां का मंदिर प्रसिद्ध है।
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