Edited By Vijay, Updated: 14 Dec, 2025 09:44 PM

देवभूमि कुल्लू के कई देवी-देवता स्वर्ग प्रवास पर गए हैं। सोमवार को सुबह पूजा-अर्चना के बाद देवालयाें के कपाट बंद होंगे। देवता प्रजा की भलाई के लिए स्वर्ग में जाकर देवराज इन्द्र के साथ मंत्रणा करते हैं।
कुल्लू (धनी राम): देवभूमि कुल्लू के कई देवी-देवता स्वर्ग प्रवास पर गए हैं। सोमवार को सुबह पूजा-अर्चना के बाद देवालयाें के कपाट बंद होंगे। देवता प्रजा की भलाई के लिए स्वर्ग में जाकर देवराज इन्द्र के साथ मंत्रणा करते हैं। ऐसे में जिला कुल्लू के देवी-देवता पौष संक्रांति के अवसर पर स्वर्ग में जाते हैं, ताकि आगामी वर्ष हारियान क्षेत्र के लोगों के लिए खुशहाली भरा हो, वहीं कुछ देवता माघ संक्रांति को स्वर्ग प्रवास पर रवाना होंगे। स्वर्ग प्रवास से लौटकर प्राकृतिक आपदा और अन्य घटनाओं के बारे में अपने गुर के माध्यम से भी लोगों को संदेश देंगे। देवलुओं के अनुसार देवभूमि में करीब 250 देवी-देवता स्वर्ग की ओर रवाना हो गए हैं और उनके देवालय को पूरी तरह से बंद कर दिया है। इसके अलावा जो देवता अभी धरती पर विराजमान हैं, वे भक्तों के घर जाकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देंगे।
आसुरी शक्तियों का रहता है बोलबाला
देवी-देवताओं के स्वर्ग प्रवास पर जाने के बाद अब आसुरी शक्तियों का भी बोलबाला बढ़ जाता है। ऐसे में कई देवी-देवता स्वर्ग रवाना होने से पहले अपने भक्तों को आशीर्वाद के रूप में सरसों और चावल के दाने भी देते हैं, ताकि प्रजा बुरी शक्तियों से सुरक्षित रहे। घाटी में कई जगहों पर पौष माह में दियाली भी मनाई जाती है। दियाली उत्सव में मशालें जलाकर और अश्लील गालियां देकर बुरी शक्तियों को भगाते हैं।
लोगों को रहता है देवताओं की वापसी का इंतजार
देवताओं के स्वर्ग रवाना होने के बाद इन सभी क्षेत्रों में धार्मिक कार्यक्रमों में राेक लग जाती है और लोग अपने घरों में शादी समारोह व मुंडन संस्कार सहित अन्य धार्मिक कार्य का आयोजन नहीं करते हैं। ऐसे में लोगों के मन में भी एक निराशा भर जाती है। लोग देवी-देवताओं के स्वर्ग वापसी का इंतजार करते हैं, ताकि लोग धार्मिक कार्यक्रमों को पूरा कर सकें।