Shimla: कृष्णानगर और लक्कड़ बाजार में बारिश से भूस्खलन का खतरा बढ़ा, अनसेफ भवनों को खाली करने के आदेश

Edited By Vijay, Updated: 13 Sep, 2024 03:57 PM

danger of landslide increases due to rain in krishnanagar and lakkar bazaar

शिमला में शुक्रवार सुबह से लगातार जारी बारिश से शहर के स्लाइडिंग जोन कृष्णानगर और सिकिंग जोन लक्कड़ बाजार में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। कृष्णानगर में लोगों ने अपने घरों को सुरक्षित करने के लिए तिरपाल डाल दिए हैं।

शिमला (वंदना): शिमला में शुक्रवार सुबह से लगातार जारी बारिश से शहर के स्लाइडिंग जोन कृष्णानगर और सिकिंग जोन लक्कड़ बाजार में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। कृष्णानगर में लोगों ने अपने घरों को सुरक्षित करने के लिए तिरपाल डाल दिए हैं। यहां पर पहले से नगर निगम ने कई घरों को अनसेफ घोषित कर रखा है, ऐसे में साथ लगते घरों के भवन मालिकों ने अपने भवनों के डंगों को तिरपाल से कवर कर लिया है, ताकि बारिश से मकान को कोई खतरा पैदा न हो सके। कृष्णानगर इलाका पहले से स्लाइडिंग जोन में आता है, ऐसे में सुबह से हो रही बारिश ने शहरवासियों की परेशानी बढ़ा दी है। वहीं लक्कड़ बाजार सिकिंग जोन में आता है, यहां पर रिज के साथ लगता क्षेत्र धंस रहा है। प्रशासन ने पहले से ही इस जगह को खाली करवा दिया है। वहीं शहर के चक्कर में बीते दिनों हुए भूस्खलन से सड़क के ऊपर बने भवनों पर भी खतरा मंडराया हुआ है, जिसके चलते भवन मालिकों ने मकानों को खाली कर दिया है तथा तिरपाल से इस जगह को कवर किया गया है।

कर्मचारियों को बंद पड़े नालों को खोलने के आदेश
शिमला में बारिश होने से प्रशासन ने अनसेफ भवनों को खाली करने के आदेश दिए हैं। नगर निगम ने शहर में 170 से ज्यादा भवनों को अनसेफ घोषित किया हुआ है, ऐसे में बारिश के दौरान प्रशासन ने इन भवनों को खाली करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बारिश से जानमाल का कोई नुक्सान न हो सके। बारिश के कारण शहर की नालियां और नाले भी बंद हो गए हैं। सड़कों पर जगह-जगह बारिश का पानी इकट्ठा होने से भी लोगों को आने-जाने में परेशानी उठानी पड़ी। मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि बारिश होने से नालियां और नाले बंद हो जाते हैं, ऐसे में कर्मचारियों को बंद पड़े नालों को खोलने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा जहां पर भी ड्रेनेज बंद पड़ी हैं उसे भी खोला जाएगा।

बारिश होने से पेड़ों के गिरने का भी बढ़ा खतरा
शिमला में लगातार बारिश होने से खतरनाक पेड़ों के गिरने का खतरा भी बढ़ गया है। ट्री कमेटी ने 300 से ज्यादा मामले सरकार को भेजे हैं ,ताकि लोगों को राहत मिल सके। प्रशासन को गिरे हुए हरे व सूखे पेड़ों को हटाने की अनुमति मिली है। बारिश के दौरान लोगों के घरों के आसपास कई पेड़ गिरे हैं, जिन्हें हटाया नहीं गया है, ऐसे में सरकार ने गिरे हुए पेड़ों को हटाने और सूखे को पेड़ों हटाने को लेकर निगम को मंजूरी दी है।
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