Edited By Vijay, Updated: 25 Mar, 2023 11:44 PM

तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने मंगोलिया के एक 8 साल के बच्चे को वहां के सबसे बड़े बौद्ध धर्मगुरु के रूप में मान्यता दी है। दलाईलामा ने 11 और 12 मार्च को धर्मशाला में हुई टीङ्क्षचग के दौरान इस बच्चे को मंगोलिया के सबसे बड़े धार्मिक गुरु खलखा जेटसन धंपा...
धर्मशाला (ब्यूरो): तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने मंगोलिया के एक 8 साल के बच्चे को वहां के सबसे बड़े बौद्ध धर्मगुरु के रूप में मान्यता दी है। दलाईलामा ने 11 और 12 मार्च को धर्मशाला में हुई टीङ्क्षचग के दौरान इस बच्चे को मंगोलिया के सबसे बड़े धार्मिक गुरु खलखा जेटसन धंपा रिंपोछे के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता दी। बौद्ध धर्म के रीति-रिवाजों के तहत बच्चे को दलाईलामा मंदिर में उसके माता-पिता और सैंकड़ों मंगोलियन के समक्ष गद्दी पर बिठाया।
बच्चे को धार्मिक नेता के रूप में मान्यता देने का कार्यक्रम सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। हालांकि सोशल मीडिया में यह भी वायरल हो रहा है कि यह बच्चा तिब्बत का सबसे बड़ा तीसरा धार्मिक गुरु बन गया है जबकि तथ्यों के मुताबिक यह सही नहीं है। यह बच्चा मंगोलिया देश का दलाईलामा की तरह सबसे बड़ा धार्मिक गुरु बना है। निर्वासित तिब्बत सरकार के पूर्व प्रधानमंत्री सामदोंग रिंपोंछे ने माना कि धर्मगुरु दलाईलामा ने बच्चे को मंगोलिया के सबसे बड़े धार्मिक नेता के रूप में मान्यता देते हुए पदवी पर बिठाया है।
दलाईलामा ने ही दिए थे पुनर्जन्म के संकेत
सूत्रों की मानें तो इस बच्चे को मान्यता करीब तीन साल पहले ही मिल गई थी। दलाईलामा ने ही कुछ साल पहले मंगोलिया से आए लामाओं को बच्चे के पुनर्जन्म के संकेत दिए थे। इसके बाद बच्चे को खलखा जेटसन धंपा रिंपोछे के पुनर्जन्म के रूप में खोजा गया। माता-पिता पहले बच्चे को बौद्ध लामाओं को देने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन बाद में तैयार हो गए। बच्चे को पिछले साल भी दलाईलामा मंदिर में लाया गया था। उस दौरान बच्चे का मुंडन संस्कार कार्यक्रम हुआ था।
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