Edited By kirti, Updated: 05 Feb, 2020 04:24 PM
कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि किसी पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद आम जनता व मतदाताओं को अब निरंतर लचर होता सिस्टम डराने लगा है। सामाजिक सुरक्षा की जिस आस से सरकारों को चुना जाता है, वह आस अब निराश में बदलने लगी है। केन्द्र में...
हमीरपुर: कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि किसी पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद आम जनता व मतदाताओं को अब निरंतर लचर होता सिस्टम डराने लगा है। सामाजिक सुरक्षा की जिस आस से सरकारों को चुना जाता है, वह आस अब निराश में बदलने लगी है। केन्द्र में बीजेपी के हाई पावर इंजन मोशा 2 के राज में 71 हजार 500 करोड़ रुपए के 6800 से अधिक धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए हैं। यह खुलासा भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट से हुआ है और इधर प्रदेश को पहाड़ पर चढ़ाने वाला छोटा इंजन निरंतर कर्जों के बोझ तले दब रहा है। आलम यह है कि अब डीए कि किस्त चुकाने के लिए एक बार फिर 500 करोड़ का कर्जा हिमाचल प्रदेश ने लिया है। 2 दिन के बाद कर्जे का यह रुपया प्रदेश सरकार के खाते में आ जाएगा।
कर्ज को आमदन मानकर कर्ज और खर्च को बराबर करने में लगी सरकार का 300 करोड़ रुपए के करीब तो डीए में खत्म हो जाएगा बाकि बचा 200 करोड़ रुपया कर्ज का ब्याज चुकाने में खत्म हो जाएगा। यानि इस 500 करोड़ रुपए का प्रदेश के विकास में कोई योगदान नहीं रहेगा, हां प्रदेश पर और 500 करोड़ का कर्जा चढ़ जाएगा। करीब 2 सालों में जयराम सरकार 4 हजार करोड़ रुपए के कर्ज में प्रदेश को डुबो चुकी है। हैरानी यह है कि हिमाचल प्रदेश की कुल लोन लिमिट 4919 करोड़ रुपए है लेकिन यह सिर्फ कर्ज लेने की लिमिट है। मर्जी सरकार की अपनी होती है क्योंकि यह कोई नियम नहीं है कि कर्ज लेना ही पड़ेगा।
बीजेपी सरकार के उच्चस्थ सूत्रों पर अगर भरोसा करें तो बची लिमिट 219 करोड़ का लोन और कर्जा मार्च के अंत में बिल भुगतान के लिए सरकार ले सकती है। अब ऐसे में हाई पावर इंजन ने अपने शाहखर्ची से देश को कंगाल किया है। वहीं प्रदेश सरकार प्रदेश को कर्जे पर कर्जे के पहाड़ तले दबा रही है। ऐसी प्रचंड बहुमत से मिली सत्ता की राजनीति में देश और प्रदेश दोनों का भविष्य अंधकारमय लग रहा है। राणा बोले कि एक बार तो जनता ने गलती कर ली है लेकिन सरकार अब भरोसा कर चुकी जनता को इतनी भी सजा न दे कि आम आदमी को सामाजिक सुरक्षा के ही लाले पड़ जाएं।