Edited By Vijay, Updated: 25 Mar, 2025 06:43 PM

ऊना जिला में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं हो रहे हैं। मंगलवार सुबह एक बार फिर से जिला मुख्यालय के सब्जी मंडी यू-टर्न कट पर 2 कारें आपस में टकरा गईं, जिससे दोनों का नुक्सान हुआ है।
ऊना (सुरेन्द्र): ऊना जिला में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं हो रहे हैं। मंगलवार सुबह एक बार फिर से जिला मुख्यालय के सब्जी मंडी यू-टर्न कट पर 2 कारें आपस में टकरा गईं, जिससे दोनों का नुक्सान हुआ है। इसके बाद काफी देर तक यहां जाम की स्थिति बनी रही। झलेड़ा से मैहतपुर फोरलेन हाईवे हादसों का हाईवे बन चुका है। सबसे अधिक दुर्घटनाएं इसी हाईवे के यू-टर्न कटों पर हो रही हैं।
कुछ दिन पहले ही मिनी सचिवालय के चौक पर तब एक कार दुर्घटना का शिकार हो गई जब ब्लाइंड मोड पर टर्न नहीं हुई और दूसरी तरफ कैंटर में टकरा गई। इस दौरान चालक की मौत हो गई और 4 लोग घायल हुए थे। मिनी सचिवालय का यह चौक सबसे खतरनाक चौक के रूप में मौजूद है। इसी के निकट मिनी सचिवालय है जहां तमाम अधिकारी मौजूद हैं, लेकिन लापरवाही देखिए कि यहां हादसों को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं।
हाईवे पर न रिफ्लैक्टर हैं और न ही दिशा सूचक
इस चौराहे पर जब भी अम्ब की तरफ से गाड़ी आती है, तो रात्रि के समय ब्लाइंड मोड़ पर अनियंत्रित हो जाती है। यहां न तो हाईवे पर रिफ्लैक्टर हैं और न ही दिशा सूचक। गति नियंत्रक मौजूद नहीं हैं। पूरे हाईवे पर जिस प्रकार से ग्लो साइन बोर्ड होने चाहिए, वह नहीं हैं। 15 किलोमीटर के हाईवे पर 35 से अधिक यू-टर्न कट हैं। स्पीड में जब गाड़ियां गुजरती हैं, तो टर्न करने वाला वाहन हादसे का शिकार हो जाता है। यही कारण है कि लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं।
2 सप्ताह में 3 की मौत तो 16 लोग हो चुके हैं घायल
गत 2 सप्ताह के दौरान 3 बड़े हादसों में 3 लोगों की मौत तो 16 लोग घायल हो गए। इनमें दोपहिया वाहन की चपेट में आने वाले पैदल चलने वाले लोगों की संख्या अलग से है। अम्ब से मैहतपुर के बीच का नैशनल हाईवे 503 निर्माण की तकनीकी खामियों के चलते सड़क दुर्घटनाओं का केंद्र बन चुका है।
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