Edited By Kuldeep, Updated: 22 Oct, 2024 09:26 PM
प्रदेश में मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, सरकारी अधिकारियों के बाद अब कॉलेजों को भी अपने आसपास के लगभग 5 से 6 या अधिक सरकारी स्कूलों को गोद लेना होगा।
शिमला (प्रीति): प्रदेश में मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, सरकारी अधिकारियों के बाद अब कॉलेजों को भी अपने आसपास के लगभग 5 से 6 या अधिक सरकारी स्कूलों को गोद लेना होगा। मंगलवार को विभाग की ओर से इस संबंध में कॉलेज प्रमुखों को आदेश जारी किए गए हैं। इसके तहत कॉलेज के गोद लिए गए स्कूलों के साथ संसाधनों और सुविधाओं को सांझा करेंगे। इस दौरान कॉलेज के प्रोफैसर भी स्वतंत्र रूप से और व्यक्तिगत रूप से अपनी पसंद के स्कूल को गोद ले सकते हैं।
इस दौरान गोद लिए गए स्कूलों के छात्रों को उनके करियर को आकार देने के लिए करियर परामर्श एवं मार्गदर्शन प्रदान करना होगा। स्कूलों के लिए विकास योजना बनानी होगी, नशीली दवाओं के दुरुपयोग, नशा निरोधक दस्तों की कार्यप्रणाली तथा संस्थानों में महिला प्रकोष्ठों के समुचित कार्य के संबंध में कॉलेजों को अपने अनुभव को उनके साथ सांझा करना होगा। साथ ही छात्रों को जीवन में अनुशासन और सामान्य शिष्टाचार का महत्व, छात्र समाज और राष्ट्र में कैसे योगदान दे सकते हैं और राष्ट्र निर्माता कैसे बन सकते हैं, इस बारे में जानकारी देनी होगी।
संबंधित कॉलेजों के प्रिंसीपल और सहायक प्रोफैसर एक समूह में शामिल होकर आसपास के सरकारी स्कूलों में अकादमिक टीमें बनाकर निरीक्षण कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि कुछ सरकारी कॉलेजों ने पहले ही यह पहल शुरू कर दी है।
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