Edited By Vijay, Updated: 20 Dec, 2024 05:58 PM
हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ (एचजीसीटीए) के आह्वान पर राजकीय महाविद्यालय तेलका (चम्बा) की लोकल यूनिट ने प्रदेश सरकार के द्वारा लाए गए हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी नियुक्ति तथा सेवा शर्तें बिल 2024 के विरोध में...
तेलका (इरशाद): हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ (एचजीसीटीए) के आह्वान पर राजकीय महाविद्यालय तेलका (चम्बा) की लोकल यूनिट ने प्रदेश सरकार के द्वारा लाए गए हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी नियुक्ति तथा सेवा शर्तें बिल 2024 के विरोध में काले बिल्ले लगाकर और गेट मीटिंग कर विरोध जताया है। अनुबंध आधार पर नियुक्त काॅलेज प्रवक्ताओं ने 2009 से लंबी लड़ाई लड़कर उच्च न्यायालय शिमला से न्याय प्राप्त किया। न्यायालय ने अपने फैसले में कर्मचारियों को वरिष्ठता सहित सभी लाभ प्रथम नियुक्ति से देने के फैसले दिए।
कुछ प्रवक्ताओं को यह लाभ मिल भी चुके हैं, लेकिन अधिकतर प्रवक्ताओं को अभी यह लाभ नहीं मिले। प्रदेश सरकार इसी बीच एक कर्मचारी विरोधी बिल जिसको 12 दिसम्बर, 2003 से लागू माना जाएगा, को लेकर आ गई ताकि कर्मचारियों को अनुबंधकाल को मिलाकर यह लाभ नियुक्ति तिथि से न देने पड़े और न्यायालय के फैसले को दरकिनार किया जा सके। जब प्रदेश सरकार ने पुरानी पैंशन स्कीम लागू की थी, तो काॅलेज प्राध्यापक संघ ने इसका स्वागत किया था और लगा था कि यह सरकार कर्मचारियों के हितों को सुरक्षित रखेगी, लेकिन उसके बाद प्रदेश सरकार एक से एक बढ़कर एक कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही है।
हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ (एचजीसीटीए) इस बिल को वापस लेने की मांग करता है। यदि यह बिल वापस नहीं लिया गया तो काॅलेज प्राध्यापक संघ प्रदेश के अन्य कर्मचारी संगठनों से मिलकर संघर्ष का रास्ता अपनाने को मजबूर होगा व इसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी। इस मौके पर तेलका काॅलेज के प्रोफैसर केहर सिंह, विदुशी व राहुल मेहरा ने काले बिल्ले लगाकर विरोध प्रदर्शन किया।
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