Himachal: पदों को समाप्त नहीं किया, नए सिरे से परिभाषित किया : सुक्खू

Edited By Kuldeep, Updated: 26 Oct, 2024 05:42 PM

cm sukhvinder singh sukhu

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक उपक्रमों में 2 वर्ष व इससे अधिक समय से खाली पड़े पदों को लेकर वित्त विभाग की तरफ से गत रात्रि जारी पत्र की सफाई देने के लिए मीडिया के सामने आए।

शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक उपक्रमों में 2 वर्ष व इससे अधिक समय से खाली पड़े पदों को लेकर वित्त विभाग की तरफ से गत रात्रि जारी पत्र की सफाई देने के लिए मीडिया के सामने आए। उन्होंने डोडरा-क्वार रवाना होने से पहले ओक ओवर में कहा कि ऐसे रिक्त पड़े पदों को समाप्त किया जा रहा है, जिनका मौजूदा समय में कोई औचित्य नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में पद समाप्त करने वाले पत्र के साथ वित्त विभाग की ओर से दूसरे आदेश भी जारी किए गए हैं। इसमें सभी सरकारी विभागों से पूछा गया है कि मौजूदा हालात के हिसाब से किन पदों की जरुरत और उपयोगिता है।

उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि पहली बार इस तरह का पत्र निकला है। इससे पहले वर्ष, 2012 में धूमल सरकार के समय में ऐसे पत्र निकलते रहे हैं। ये सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है तथा विभागों को आवश्यकता के अनुसार पदों को भरने के संदर्भ में पत्र लिखा गया है। भाजपा सरकार के समय में उनकी पार्टी की बैठकों में भी इस तरह के पत्रों पर चर्चा होती थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से 19103 पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है। विभिन्न विभागों में 2511 पद सृजित किए गए हैं तथा 16592 पद भरे जा रहे हैं। वर्तमान सरकार ने अपने 22 माह के कार्यकाल में निरन्तर भर्तियां करने के अलावा नए पद सृजित किए हैं तथा विभिन्न पोस्ट कोड के लम्बित परीक्षा परिणाम घोषित करके युवाओं को निुयक्तियां प्रदान की है।

आवश्यकतानुसार पदों का होगा सृजन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार ने वित्तीय वर्ष, 2025-26 बजट की तैयारियां शुरू कर दी है। नए बजट में आवश्यकता अनुसार पदों का सृजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 20-25 वर्षों से कई विभागों की ओर से टाइपिस्ट के पदों को बजट में डाला जाता है, जबकि सरकारी कार्यालयों में टाइपराइटर नहीं है।

ऐसे में लिपिक के पदों को समाप्त करके जे.ओ.ए. आई.टी. में तब्दील किया जा रहा है। ऐसे में हर वर्ष बजट में इस तरह के पदों को रखने का क्या औचित्य है? अब विभाग अपनी उपयोगिता अनुसार पद तब्दील करके बजट प्रस्ताव को भेजेंगे।
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