Edited By Vijay, Updated: 11 Nov, 2023 06:09 PM

कानून सभी के लिए एक है, चाहे वह मुख्यमंत्री हो या फिर डीजीपी। शिकायतें आती रहती हैं लेकिन इसकी एक प्रक्रिया होती है कि पहले उसकी जांच की जाए। शिकायत के तथ्यों के आधार पर ही एफआईआर दर्ज होती है।
शिमला (संतोष): कानून सभी के लिए एक है, चाहे वह मुख्यमंत्री हो या फिर डीजीपी। शिकायतें आती रहती हैं लेकिन इसकी एक प्रक्रिया होती है कि पहले उसकी जांच की जाए। शिकायत के तथ्यों के आधार पर ही एफआईआर दर्ज होती है। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एम्स दिल्ली से लौटने के बाद पत्रकारों से रू-ब-रू होते हुए डीजीपी की शिकायत के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कही। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में हाईकोर्ट में जवाब दायर करेगी। उन्होंने कहा कि नियमानुसार सबसे पहले शिकायत की जांच की जाती है क्योंकि शिकायत तो किसी के भी खिलाफ की जा सकती है लेकिन उस शिकायत के तथ्यों को उजागर करने के लिए उसकी जांच की जाती है। सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री व डीजीपी के साथ आम लोगों के लिए कानून एक समान है और कानून किसी के लिए बदला नहीं जाता है। कानून के दायरे में रहकर ही जांच होती है।
कारोबारी ने डीजीपी के खिलाफ दर्ज करवाया है मामला
बता दें कि कारोबारी निशांत शर्मा ने पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू से ई-मेल पर पत्राचार किया था, जिस पर डीजीपी ने कारोबारी के खिलाफ छोटा शिमला थाना में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करवाया है। इस पर कारोबारी ने पुलिस अधीक्षक शिमला को डीजीपी के खिलाफ शिकायत भेजते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है, जिसकी प्रतियां उसने प्रदेश सरकार के अधिकारियों को भेजी हैं, वहीं हाईकोर्ट में अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई। हाईकोर्ट ने कारोबारी द्वारा अपने व अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने से जुड़े मामले में एसपी शिमला और एसपी कांगड़ा से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। मामले पर सुनवाई 16 नवम्बर को निर्धारित की गई है। कारोबारी निशांत ने हिमाचल के ही 2 रसूखदार लोगों पर उससे जबरन वसूली का दबाव बनाने की बात कही है।
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