भाजपा नेता गांव आएं तो पूछें सवाल, आखिर आपदा में कहां थे आप : सुक्खू

Edited By Vijay, Updated: 28 Jan, 2024 11:27 PM

cm sukhvinder singh

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से आह्वान किया कि जब भी कहीं भाजपा नेता आएं तो उनसे सवाल पूछें कि आखिर आपदा के समय वे कहां थे। उनसे पूछें कि केन्द्रीय सहायता में अड़ंगे क्यों लगाए? एक मंत्री तथा बाकी सांसदों ने हिमाचल के हितों की पैरवी...

ऊना (सुरेन्द्र): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से आह्वान किया कि जब भी कहीं भाजपा नेता आएं तो उनसे सवाल पूछें कि आखिर आपदा के समय वे कहां थे। उनसे पूछें कि केन्द्रीय सहायता में अड़ंगे क्यों लगाए? एक मंत्री तथा बाकी सांसदों ने हिमाचल के हितों की पैरवी क्यों नहीं की। सीएम चिंतपूर्णी क्षेत्र के पंजोआ में सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि भाजपा नेताओं ने आपदा को लेकर चर्चा तो विस में की, लेकिन वे दिल्ली में जाने से मुकर गए।

जयराम सरकार ने प्रदेश की सबसे बुरी हालत की
सीएम ने कहा कि इस समय सरकार की स्थिति यह है कि आमदनी 100 रुपए और खर्चा 170 रुपए है। जयराम सरकार ने प्रदेश की सबसे बुरी हालत की है। उन्होंने एक वर्ष के कार्यकाल में उनसे सवाल पूछने वाले भाजपा नेताओं पर आरोप लगाया कि भाजपा ने 5 वर्ष के कार्यकाल में प्रदेश का बेड़ा गर्क किया है। शिक्षा व स्वास्थ्य के स्तर को निचले स्तर पर पहुंचा दिया गया। इसमें कांग्रेस द्वारा दृढ़ इच्छाशक्ति से सुधार किया जा रहा है। समाज के गरीब से गरीब व्यक्ति तक इस सुधार की रोशनी पहुंचाने का कांग्रेस ने व्यवस्था परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों का केंद्र सरकार के पास 9000 करोड़ रुपए पड़ा है। 

हिमाचल 2032 तक सबसे समृद्धशाली व अमीर प्रदेश होगा
सीएम ने कहा कि प्रदेश पर कर्जे पर कर्जा चढ़ा जा रहा है और हम इस पर भी लगाम लगा रहे हैं। हमें केवल जनता का साथ चाहिए। उन्होंने कहा कि 2027 तक हमारी अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी और 2032 तक हिमाचल प्रदेश सबसे समृद्धशाली व अमीर प्रदेश होगा। भाजपा चाहती है कि लोस चुनाव तक सब कुछ रोका जाए, लेकिन हम इससे घबराने वाले नहीं हैं।

ओपीएस देकर 1 लाख 36 हजार कर्मचारियों का भविष्य किया सुरक्षित
सीएम ने कहा कि सरकारी कर्मचारी व अधिकारी, जिन्होंने हिमाचल में विकास की गाथा लिखी है, हम चाहते तो 4 वर्ष बाद उन्हें ओपीएस दे सकते थे। पहली ही कैबिनेट में सरकार ने 1 लाख 36 हजार कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करते हुए उन्हें ओपीएस दी गई है। यद्यपि इन सरकारी कर्मचारियों के 9 हजार करोड़ रुपए केंद्र सरकार के पास एनपीएस के पड़े हैं। इसकी लड़ाई हम लड़ रहे हैं। भारत सरकार इसे देने में आनाकानी कर रही है। हमने अपने संसाधनों से ओल्ड पैंशन स्कीम दी है। सीएम ने कहा कि हम प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा में 18वें स्थान पर पहुंच चुके हैं। इसमें शिक्षकों को दोष नहीं, बल्कि व्यवस्था का दोष है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सुधार किया जा रहा है।  
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