Edited By Vijay, Updated: 21 Jul, 2023 11:04 PM

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और निर्माण इत्यादि की अधिक लागत को देखते केंद्र सरकार को हिमाचल सहित अन्य पहाड़ी राज्यों को अलग पैटर्न पर आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए।
शिमला (भूपिन्द्र): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और निर्माण इत्यादि की अधिक लागत को देखते केंद्र सरकार को हिमाचल सहित अन्य पहाड़ी राज्यों को अलग पैटर्न पर आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण प्रदेश में बिजली, पानी और सड़क परियोजनाओं को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है, जिसे स्थायी रूप से बहाल करने में काफी वक्त लगेगा और विशेष आर्थिक सहायता की भी आवश्यकता होगी, ऐसे में इस त्रासदी से उबरने के लिए प्रदेश को उदार वित्तीय मदद के लिए केन्द्र सरकार को आगे आना चाहिए। यह बात उन्होंने शुक्रवार को शिमला में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वित्तीय सलाहकार रवनीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में आपदा से हुए नुक्सान का आकलन करने के लिए आए 8 सदस्यीय केंद्रीय दल के साथ बैठक में कही।
अन्तरिम राहत के लिए केन्द्र सरकार को लिखा है पत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दौरान मिली सहायता की तर्ज पर हिमाचल को भी केन्द्र सरकार की ओर से आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के आपदा से संबंधित वर्तमान दिशा-निर्देशों में बहुत कम आर्थिक सहायता का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अन्तरिम राहत के लिए केन्द्र सरकार को पत्र भी लिखा है और मानसून के बाद इस बारे में संशोधित ज्ञापन दिया जाएगा। बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, वित्त सचिव अक्षय सूद, विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
हिमाचल में अब तक 5000 करोड़ से अधिक का नुक्सान : जगत
राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि अब तक प्रदेश में 5000 करोड़ से अधिक का नुक्सान हो चुका है तथा इसके और बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के बाद प्रदेश को केंद्र से राहत राशि मिलने की संभावना है। आपदा में विपक्षी दल भाजपा से कोई भी सहयोग सरकार को नहीं मिला है।
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