Edited By Vijay, Updated: 27 Apr, 2025 01:14 PM

प्रदेश में सरकार केवल औषधीय गुण वाली भांग की खेती को ही बढ़ावा देगी। इसके तहत कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर औषधीण गुण वाले भांग के पौधे तैयार करेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय औषधीय गुण वाले भांग के बीच खरीदेगा।
शिमला (भूपिन्द्र): प्रदेश में सरकार केवल औषधीय गुण वाली भांग की खेती को ही बढ़ावा देगी। इसके तहत कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर औषधीण गुण वाले भांग के पौधे तैयार करेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय औषधीय गुण वाले भांग के बीच खरीदेगा। भांग के बीज खरीदने से पहले फार्मा कंपनियों से परामर्श लिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में भाग की खेती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत कृषि विश्वविद्यालय पहले ट्रायल के आधार पर भांग के पौधे लगाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय को भांग के उस बीज को खरीदने को कहा गया है, जिसके पौधों का उपयोग औषधि के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसके लिए विश्वविद्यालय को उन राज्यों से बीज खरीद के लिए संपर्क करने को कहा है, जहां पर इसकी खेती की जा रही है।
विश्वविद्यालय को बीज खरीद से पहले फार्मा कंपनियों से संपर्क करने के निर्देश
सरकार ने विश्वविद्यालय को बीज खरीद से पहले फार्मा कंपनियों से भी संपर्क करने को कहा है, जो भांग का उपयोग दवा के लिए करती हैं। इस कंपनियों से परामर्श लिया जाएगा कि भांग की किस प्रजाति का उपयोग दवाओं में किया जाता है। राज्य में केवल वह ही भांग लगाई जाएगी, जिसमें अधिक औषधीय गुण हों तथा जिसकी फार्मा कंपनियां मांग करती हैं। इन पौधों को कृषि विश्वविद्यालय तैयार करेगा तथा पौधे व बीज किसानों को मुहैया करवाएगा। कृषि विश्वविद्यालय के साथ-साथ बागवानी विश्वविद्यालय नौणी भी अपने फार्म में ट्रायल के तौर पर भांग की खेती करेगा। ट्रायल सफल रहने पर राज्य में बड़े पैमाने पर इसकी खेती करने की योजना है।
इन देशों व राज्यों से खरीदा जा सकता है बीज
हिमाचल उन देशों व राज्यों से भांग का बीज खरीदेगा, जहां पर इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है। विश्व में इसराईल, नीदरलैंड व कनाडा में भांग की खेती होती है। इसके अलावा उत्तराखंड, मध्यप्रदेश व जम्मू कश्मीर में भी इसकी खेती होती है। ऐसे में हिमाचल इन देशों व राज्यों से भांग का बीज खरीद सकता है।
2 वर्ष बाद भांग का वैश्विक बाजार 15000 करोड़ होने का अनुमान
2 वर्ष बाद यानि वर्ष 2027 तक भांग का वैश्विक बाजार करीब 15000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2022 में औद्योगिक भांग का वैश्विक बाजार लगभग 5600 करोड़ रुपए था। हिमाचल में शुरूआत में 100 से 200 करोड़ की आय का अनुमान है।
क्या कहते हैं कृषि मंत्री
कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल में औषधीय गुण वाले भांग के पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय को औषधीय गुण वाले भांग के पौधों के बीज खरीदने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि जंगलों में जो भांग उगती है, उसमें नशा बहुत अधिक होता है। इसकी खेती राज्य में नहीं की जाएगी क्योंकि इसकी खेती करने से बच्चे नशे की ओर जा सकते हैं।
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