Edited By Vijay, Updated: 15 Jul, 2023 11:10 PM

मुख्यमंत्री साहब हमारे मकानों को बचाया जाए या फिर हमें जमीन दी जाए ताकि वे नए सिरे से अपने जीवन को शुरू कर सकें। शामती में हुई प्राकृतिक त्रासदी में अपने मकान खो चुके पीड़ित परिवारों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से यही गुहार लगाई।
सोलन (नरेश पाल): मुख्यमंत्री साहब हमारे मकानों को बचाया जाए या फिर हमें जमीन दी जाए ताकि वे नए सिरे से अपने जीवन को शुरू कर सकें। शामती में हुई प्राकृतिक त्रासदी में अपने मकान खो चुके पीड़ित परिवारों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से यही गुहार लगाई। हालांकि मुख्यमंत्री ने इन परिवारों को मदद का पूरा आश्वासन दिया और प्रशासन को मकानों को हुए नुक्सान की पूरी रिपोर्ट के साथ वीडियोग्राफी करने के भी मौके पर आदेश दिए। मुख्यमंत्री से वे गरीब परिवार भी मिले जिनके मकान के साथ जमीन भी भूस्खलन के साथ चली गई है। ये सभी परिवार भूमिहीन थे। सरकार द्वारा दी गई जमीन पर सरकारी आॢथक मदद से ही मकानों का निर्माण किया था। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को उन सभी भूमिहीन परिवारों को जमीन देने के आदेश दिए जिनके मकान इस त्रासदी मेें जमींदोज हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने शामती में पीड़ित परिवारों को 1.45-1.45 लाख रुपए की दी गई आर्थिक सहायता को फौरी राहत की घोषणा की है।
कीचड़ में चलकर हाल जानने पहुंचे सीएम
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह कीचड़ में चलकर शामती में पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंच गए। मुख्यमंत्री सबसे पहले शामती में साई बाबा मंदिर के पास हुए भूस्खलन से हुए नुक्सान का जायजा लेने के लिए रुके। यहां पर बहुत ज्यादा दलदल था। मुख्यमंत्री ने इस दलदल को पार करते हुए शामती पहुंच गए, जहां पर वे परिवार उनका इंतजार कर रहे थे जिनके मकान गिरे हुए हैं या फिर गिरने की कगार पर खड़े हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री जटोली मंदिर में राहत शिविर में भी गए, वहां रहे रहे सभी परिवारों से मिले।
इसरो के माध्यम से होगा सर्वे
जिला परिषद सदस्य मनोज वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस पूरे क्षेत्र का तकनीकी सर्वे करने के आदेश दिए हैं। इसरो के माध्यम से यह सर्वे किया जाएगा। सभी मकानों को हुए नुक्सान की रिपोर्ट तलब की है।
105 मकान हैं यहां खतरे में
बता दें कि शामती क्षेत्र में करीब 105 मकान खतरे की जद्द में हैं, जिनमें दरारें आई हैं। इसमें से 34 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जबकि करीब 10 मकान जमींदोज हो चुके हैं।
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