Edited By Vijay, Updated: 03 Dec, 2022 11:44 PM

हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता मिलने की सूरत में मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, इसको लेकर चुनाव परिणामों से पहले ही पार्टी में घमासान मचा हुआ है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम 8 दिसम्बर को आएंगे, लेकिन जीत को लेकर आश्वस्त...
शिमला (राक्टा): हिमाचल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता मिलने की सूरत में मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा, इसको लेकर चुनाव परिणामों से पहले ही पार्टी में घमासान मचा हुआ है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम 8 दिसम्बर को आएंगे, लेकिन जीत को लेकर आश्वस्त कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता परिणामों से पहले ही मुख्यमंत्री पद की लॉबिग करने में जुटे हुए हैं। इसके तहत दिल्ली तक की दौड़ लगाई जा चुकी है और अब पार्टी प्रत्याशियों के साथ बैठक कर अधिक से अधिक विधायकों को अपने पक्ष में करने के प्रयास हो रहे हैं ताकि यदि कांग्रेस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती है तो अधिक से अधिक विधायकों के साथ शक्ति प्रदर्शन कर अपनी दावेदारी मजबूत की जा सके। सूत्रों की मानें तो सत्ता के केंद्र में फिर से होलीलॉज की अहम भूमिका रहेगी। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद ही कांग्रेस में वर्चस्व की जंग हावी हुई है। वीरभद्र सिंह के समय ऐसी स्थिति कभी नहीं रही।
होलीलॉज का जलवा आज भी बरकरार
विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह फैक्टर को भुनाया। हर विधानसभा हलके में वीरभद्र सिंह का व्यक्तिगत कैडर रहा है और कांग्रेस प्रत्याशियों ने उसका पूरा लाभ लेने का प्रयास किया। ऐसे में वीरभद्र समर्थक साफ कहते हैं कि होलीलॉज का जलवा आज भी बरकरार है। मंडी उपचुनाव में मिली जीत भी इसे पहले ही साफ कर चुकी है। यही कारण है कि कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश की कमान प्रतिभा सिंह को सौंपी और उनके नेतृत्व में पार्टी ने विधानसभा चुनाव लड़ा। चर्चा यह भी जोर पकड़ रही है कि किसी वरिष्ठ नेता को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में प्रतिभा सिंह का नाम भी समर्थक ले रहे हैं। इसी तरह मुकेश अग्निहोत्री, कौल सिंह ठाकुर और सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम भी इस पद के लिए चर्चा में है। तर्क यह भी दिया जा रहा है कि यदि प्रतिभा सिंह के नाम पर सहमति बनती है तो विधायक विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण से अपनी सीट छोड़ सकते हैं।
सभी नेता दोहरा रहे एक बात
मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस नेताओं में भले ही घमासान मचा हुआ हो लेकिन सभी नेता यही बात दोहरा रहे हैं कि सरकार बनने की स्थिति में मुख्यमंत्री बारे अंतिम निर्णय हाईकमान की लेगा। इसके तहत विधायकों की पहले राय ली जाएगी और फिर सभी पहलुओं को देखकर चेहरा घोषित किया जाएगा। वहीं देखा जाए तो कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह पहले ही स्पष्ट कर चुकी हैं कि वह न तो मुख्यमंत्री और न ही किसी अन्य पद की दौड़ में शामिल हैं।
नेता का चयन होगा सबसे बड़ी चुनौती
प्रदेश में यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो निश्चित तौर पर पार्टी हाईकमान के समक्ष नेता का चयन सबसे बड़ी चुनौती होगी। पार्टी हाईकमान हर पहलू को देख कर ही मुख्यमंत्री फेस घोषित करेगा ताकि वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी इसका लाभ मिल सके। ऐसे में पार्टी नेतृत्व उस व्यक्ति पर दांव खेलेगा, जिसका प्रभाव प्रदेश भर में हो।
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