Edited By Kuldeep, Updated: 02 Dec, 2024 12:49 PM
चलाहन गांव में जनपद के अधिष्ठाता बड़ा देव कमरुनाग की बड़ी बहन माता बुनाली देवी करीब 200 साल बाद पहली बार अष्टधातु और चांदी से तैयार की करंडी में विराजमान हुईं।
चैलचौक (योगेंद्र): चलाहन गांव में जनपद के अधिष्ठाता बड़ा देव कमरुनाग की बड़ी बहन माता बुनाली देवी करीब 200 साल बाद पहली बार अष्टधातु और चांदी से तैयार की करंडी में विराजमान हुईं। रविवार प्रात: माता अपनी नवनिर्मित करंडी में विराजमान होकर चलाहन कोठी से अपने मूल मंदिर के लिए प्रात: 5 बजे रवाना हुईं। मंदिर में प्रात: 7 बजे बड़ा देव कमरुनाग के गूर देवी सिंह ने विधि-विधान से देवी की करंडी की प्राण-प्रतिष्ठा की।
उसके बाद देवी 9 बजे मंदिर से कोठी चलाहन के लिए रवाना हुईं और साढ़े 10 बजे कोठी पहुंचीं। बता दें कि देवी बुनाली को दूध-घी की दीक्षा देने वाली देवी के रूप में जाना जाता है। इससे पहले माता बुनाली नाम की जगह पर एक चट्टान के नीचे पिंडी स्वरूप में विराजमान हैं और पहली बार माता के मोहरे बनाकर इन्हें करंडी में विराजमान किया गया। इस मौके पर बुनाली देवी के पुजारी ठाकुर सिंह, बड़ा देव कमरुनाग के गूर देवी सिंह और आसपास के देवताओं के 9 गुरों ने भाग लिया।