Himachal: सीबीएसई पैटर्न आधारित स्कूलों की अलग हाेगी पहचान, विद्यार्थियों की वर्दी का रंग भी हाेगा अलग

Edited By Vijay, Updated: 10 Oct, 2025 12:23 AM

cbse pattern based school

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से प्रथम चरण में प्रदेश के 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत संचालित किया जाएगा।

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वीरवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से प्रथम चरण में प्रदेश के 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत संचालित किया जाएगा। इन स्कूलों को एक नई पहचान देने के लिए इनकी बिल्डिंग का रंग और छात्रों की वर्दी भी अलग होगी। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत शर्मा सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

बदलाव के लिए सभी तैयारियां समय पर पूरी करने के निर्देश
मुख्यमंत्री सुक्खू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बदलाव के लिए सभी तैयारियां समय पर पूरी की जाएं। इन सीबीएसई आधारित स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं के साथ-साथ छात्रों के लिए मैस की व्यवस्था भी होगी, जहां उन्हें पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि सीबीएसई के मापदंडों को पूरा करने वाले 86 स्कूलों की पहचान पहले ही की जा चुकी है और शेष स्कूलों को भी जल्द तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

तेजी से भरे जा रहे शिक्षकों के खाली पड़े पद
सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को तेजी से भरा जा रहा है, जिसके चलते हिमाचल गुणात्मक शिक्षा में 21वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंच गया है।

राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल और स्टेट ऑफ आर्ट कॉलेज पर भी फोकस
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में खेलकूद जैसी गतिविधियों के लिए भी पर्याप्त जगह के साथ एक उत्कृष्ट कैम्पस तैयार किया जाना चाहिए। इसके अलावा, हर जिले में एक 'स्टेट ऑफ आर्ट' कॉलेज बनाने की योजना पर भी काम किया जा रहा है, ताकि छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सके।

सरकार का यह फैसला भेदभावपूर्ण : सत्ती
वहीं सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने भेदभाव की भावना पैदा करने का आरोप लगाया है। पूर्व प्रदेश भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक सतपाल सत्ती ने कहा कि सरकार का यह फैसला बच्चों में भेदभाव की भावना पैदा करेगा। स्कूलों में छात्रों की वर्दी का रंग एक जैसा होना चाहिए। सीबीएसई स्कूलों की अलग वर्दी और हिमाचल बोर्ड के स्कूलों की वर्दी अलग-अलग नहीं होनी चाहिए।

सिर्फ पहचान के लिए बदलाव : सुनील शर्मा 
उधर, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड कर्मचारी संघ के प्रधान सुनील शर्मा ने कहा कि सरकारी ड्रैस बदलने की प्रक्रिया केवल स्कूलों को अलग पहचान देने के लिए है, जो स्कूल सीबीएसई में कन्वर्ट हुए हैं, उनके ड्रैस कोड भी अलग होंगे, ताकि उन्हें आसानी से पहचाना जा सके। स्कूल की तरफ से ड्रैस बदलने से कर्मचारियों की सैलरी या उनके अधिकारों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसे आगे बढ़ाने या बढ़ावा देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह केवल प्रशासनिक पहचान का मामला है। वर्तमान में कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, जबकि कुछ लोग अपनी तरफ से सीबीएसई को बोर्ड फीस जमा कर रहे हैं।

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